शर्म करो शिवराज: बातों में विकास, कामों में सत्यानाश, कैसा बनाया अपना मध्यप्रदेश

भोपाल (अजय सिंह)। विकास और सुशासन का दावा करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की हकीकत सामने आ गई है। उन्होंने इस प्रदेश को आदिम युग में पहुंचा दिया है। झूठी विकास दर से पूरे देश में नंबर वन बताने वाले मुख्यमंत्री जी बताएं कि यह कौनसा विकास है जहां 90 दिन में 88 नाबालिग बच्चियों को साथ बलात्कार हुआ। आदिवासी महिला को पीटकर शराब पिला दी और राजधानी के अत्याधुनिक सरकारी अस्पताल में टार्च की रोशनी में आपरेशन होते है और कुपोषण से बच्चे की मौत होती है। हर बात पर बोलने वाले शिवराज सिंह इस पर मौन क्यों है।

श्री सिंह ने कहा कि सिर्फ एक दिन में याने 21 अप्रैल को शिवराज सरकार के सारे दावों की पोल खुल गई इससे पता चल गया है कि प्रदेश को पंचायतों, उत्सवों, यात्राओं, अभियानों के बोझ तले कुचल देने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के विकास कुशासन और कानून व्यवस्था की स्थिति क्या है।

अपराधों के ताजा आंकड़ों से तो मामा शिवराज का सिर शर्म से झुका हो या न झुका हो लेकिन इस प्रदेश की जनता का सिर शर्म से झुक गया है। महिलाओं के साथ ही सबसे ज्यादा असुरक्षित यह प्रदेश नाबालिगों के लिए हो गया। यह सबसे शर्मनाक आंकड़ा है कि 90 दिन में 88 बलात्कार सिर्फ नाबालिग के साथ हुए जिनकी सुरक्षा, रक्षा और बोझ उठाने का दावा करते हुए उनके कथित मामा बने शिवराज पूरे प्रदेश में घूम रहे हैं।

आदिवासी महिला को मूत्र पिलाने वाली घटना शिवराज सरकार पर काला धब्बा

आदिवासी महिला की पीटकर पेशाब पिलाने की घटना को शिवराज सरकार पर एक काला धब्बा भाजपा सरकार के राज में लगता है व्यवस्था और कानून नाम का भय समाप्त हो गया है और मध्यप्रदेश आदिम युग में पहुंच गया है।

नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि होशंगाबाद जिले के पचमढ़ी के आदिवासी क्षेत्र नादिया में एक आदिवासी महिला को पीटकर पेशाब पिलाने की घटना ने यह साबित कर दिया है कि मुख्यमंत्री अपनी नेतृत्व क्षमता खो चुके है। आत्ममुग्धता के शिकार शिवराज सिंह चौहान ने इस प्रदेश को कुशासन के हवाले कर दिया।

निरंतर घट रही एक के बाद एक घटनाओं से पूरे देश में मध्यप्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता का सिर शर्म से झुक जाता है। जिसका श्रेय शिवराज सरकार को जाता है।

जब राजधानी के हाल ये हैं तो मध्यप्रदेश के क्या होंगे
जिस अस्पताल के अत्याधुनिक होने का दावा करने और पूरे प्रदेश के अस्पतालों का आदर्श बताने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के जेपी अस्पताल में टार्च की रोशनी में आपरेशन होते है। बच्चों का जन्म होता है। उन्होंने कहा कि 21 अप्रैल, 2013 को ही नहीं इसके पूर्व 11 फरवरी, 2013 को भी एक बच्चे का जन्म टार्च की रोशनी में हुआ।

इसी तरह 14 अप्रैल को एक बच्चे की मौत को लेकर जिस तरह शासन  के दो विभाग एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे है कि खून की कमी से नहीं कुपोषण से बच्चे की मौत हुई बतलाता है कि राजधानी भोपाल में जब ये हालात है तो प्रदेश में लोगों को इलाज कैसा मिल रहा होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। प्रदेश में शिशु एवं मातृ मृत्यु दर कम करने के प्रयास कैसे हो रहे होंगे इससे पता चलता है।

लेखक श्री अजय सिंह 'राहुल' मध्यप्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता हैं।

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