भोपाल। मंडला में अधिकारियों ने बड़ी ही चतुराई से एक्ट्रा इनकम और भाई भतीजों को सरकारी नौकरी में सेट करने की गुंजाइश बना ली गर्इ्, हालांकि ऐसी कलाकारी मध्यप्रदेश के किसी दूसरे जिले में नहीं हुई, लेकिन मंडला में यह इनोवेशन सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।
जनशिक्षा अधिनियम के अंतर्गत प्रत्येक जनशिक्षा केंद्र पर दो जनशिक्षक नियुक्त किए जाना है एक विज्ञानं से ओर एक कला संकाय से। अगस्त 2011 में पूरे मध्यप्रदेश में एक साथ इस नियम का पालन हुआ जिसमे मंडला जिला भी शामिल था परन्तु एक साल के अन्दर विज्ञान विषय के जनशिक्षक को प्रतिनियुक्तियां समाप्त कर वापस शाला भेज दिया जो की अन्य किसी जिले में नहीं हुआ खली पड़े रिक्त पदों पर मनमाने ढंग से नई नियुक्तियां कर ली गईं।
दूसरा उदहारण हर विकासखंड में 5 बीएसी रखना था परन्तु एक या दो बीएसी ही नियुक्त किये गए है जिस से अकादमिक मॉनिटरिंग में खासा असर पड़ना स्वाभाविक है। तीसरा सबसे बड़ा उदहारण बीआरसी परीक्षा पास वरिष्ठ अध्यापको को 9 में से केवल 3 ब्लाक में नियुक्ति दी गई है जबकि बाकि के 6 ब्लाक में पुराने udt ही कम कर रहे जो की 50 years से अधिक है यह भी अधिनियम का उल्लंघन है परन्तु अधिकारिओ के द्वारा उचाधिकरियो को भ्रमित कर ऐसे कारनामे मंडला में अक्सर होते रहते है।