भोपाल। गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के मेडिकल टीचर्स अपनी मांगों को लेकर बुधवार को एक दिन के आकस्मिक अवकाश पर रहेंगे। इस दौरान अस्पताल में क्लिनिकल और नॉन क्लिनिकल कामकाज ठप रहेगा।
हालांकि जीएमसी प्रबंधन का कहना है मेडिकल टीचर्स के अवकाश के दौरान मरीजों को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए व्यापक इंतजाम कर लिए गए हैं। गौरतलब है प्रदेशभर के मेडिकल टीचर्स अपनी मांगों को लेकर बीते चार साल से लड़ाई लड़ रहे हैं। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. नीलकमल कपूर बताती हैं कि सरकार हर बार उन्हें आश्वासन देती है और हर बार धोखा देती है।
चिकित्सा शिक्षकों की विगत कई वर्षों से लंबित वेतन व सेवा संबंधी मांगों की शासन द्वारा पूर्ति नहीं किए जाने के कारण अब आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि शासन के इस रवैये के चलते ही जीएमसी से पिछले पांच सालों में करीब 40 डॉक्टर नौकरी छोड़ चुके हैं।
इलाज होगा प्रभावित
एसोसिएशन के प्रवक्ता डॉ. दीपक मरावी के अनुसार मेडिकल टीचर्स के अवकाश पर जाने से अस्पताल की और मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाओं पर व्यापक असर होगा। उन्होंने बताया कि मेडिकल टीचर्स इस दौरान मरीजों के इलाज, ओपीडी, पैरामेडिकल वर्क, पढ़ाई और परीक्षाएं सभी कामों का बहिष्कार करेंगे। उधर, जीएमसी डीन डॉ.निर्भय श्रीवास्तव का कहना है कि मेडिकल टीचर्स के अवकाश के दौरान मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी। मेडिकल टीचर्स के एवज में जीएमसी से जुड़े अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर, कंसल्टेंट और अन्य सहयोगी स्टाफ व्यवस्थाओं को बनाए रखेंगे। उन्होंने बताया कि मेडिकल टीचर्स और शासन में बात चल रही है।