भोपाल। रायसेन में कर्ज के कारण किसान पैजन द्वारा की गई आत्महत्या के मामले में नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि यदि पैजन को मुआवजा मिल जाता तो वो आत्महत्या नहीं करता।
नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि खेती को लाभ का धंधा बनाने और कृषि विकास दर कृषि का दावा करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पोल खुल चुकी है। रायसेन जिले के किसान पैजन सिंह यादव द्वारा कर्ज के कारण आत्महत्या करने की घटना बताती है कि प्रदेश में खेती का धंधा किसानों के लिए घाटा बन गई है और भाजपा सरकार किसानों के लिए काल बन गई है।
आज यहां भोपाल में जारी एक बयान में नेताप्रतिपक्ष ने कहा कि सत्रह हजार किसानों के द्वारा आत्महत्या करने के बाद प्रदेश में निरंतर किसानों के द्वारा आत्महत्या करने का सिलसिला जारी है। सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री होर्डिंग्स में विज्ञापनों में खेती को लाभ का धंधा बनाने का दावा करते है वे बड़े गर्व से कृषि विकासदर 18.81 प्रतिशत होने पर खुश होते हैं पर यह खुशी जिन किसानों के चेहरे पर होनी चाहिए वे कर्ज के बोझ तले आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं और मुख्यमंत्री के दावों की पोल खोल रहे है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने सदन में सड़क पर और पत्र लिखकर निरंतर यह कहा कि ओला-पाला प्रभावित किसानों को उसकी क्षतिग्रस्त फसल का तत्काल मुआवजा देना प्रारंभ करें। अगर पैजन सिंह यादव को मुआवजे की रकम समय से मिल जाती तो शायद वह आत्महत्या न करता।
श्री सिंह ने कहा कि अपने को किसान मुख्यमंत्री कहने वाले शिवराज सिंह चौहान के राज में किसानों की जो दुर्दशा हो रही है वह मध्यप्रदेश के इतिहास में किसी गैर किसान मुख्यमंत्री के राज में नहीं हुई।