भोपाल। नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत मापदंड पूरे नहीं करने वाले स्कूलों को बंद करने की कार्रवाई की जाएगी। स्कूलों को पोर्टल पर आवेदन द्वारा स्थाई मान्यता के लिए सोमवार रात करीब 12 बजे तक का समय दिया गया था। आगे की प्रक्रिया में स्कूलों के रिकॉर्ड जांचे जाएंगे और मापदंड के बिंदुओं के आधार पर मान्यता प्रदान करने की कार्रवाई की जाएगी।
आरटीई के तहत पिछले तीन वर्ष से स्कूलों को अस्थाई मान्यता दी जा रही है। मापदंड पूरा करने पर इन स्कूलों को स्थाई मान्यता देने का कार्य शुरू किया जाएगा। आरटीई कानून 1 अप्रैल 2010 से प्रदेशभर में लागू किया गया है। इसके तहत निजी स्कूलों को स्थाई मान्यता के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 मार्च 2013 तय की गई थी।
इसके बाद राज्य शिक्षा केंद्र ने तिथि को 15 दिन आगेबढ़ा दिया था। अब तक लगभग सभी स्कूलों ने स्थाई मान्यता के लिए आवेदन दिए हैं। अब आगे की प्रक्रिया में स्कूलों का मापदंड के आधार पर निरीक्षण किया जाएगा। स्कूलों द्वारा मापदंड पूरे नहीं किए जाने पर स्कूल बंद करने की कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि राज्य शिक्षा केंद्र ने स्कूलों को निर्देश जारी किए थे कि अधिनियम के शुरू होने के पहले से संचालित कोई स्कूल, अधिनियम की अनुसूची में वर्णित मानकों की पूर्ति नहीं करता है, तो डीईओ अधिनियम के प्रारंभ होने की तारीख से 3 वर्ष की अवधि के लिए ऐसे विद्यालयों के लिए अनंतिम मान्यता प्रमाण-पत्र जारी करेगा।
इसके बाद प्राइवेट स्कूलों को स्थाई मान्यता के लिए पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना अनिवार्य होगा। इसके लिए प्राइवेट स्कूलों को मान्यता के लिए डीईओ के संबोधन से आवेदन बीईओ को प्रस्तुत करना होगा। इसके लिए स्कूल प्रबंधन द्वारा एजुकेशन पोर्टल पर आवेदन-पत्र प्रारूप पर जानकारी दर्ज की जाएगी और निरीक्षण कर मान्यता प्रदान की जाएगी।