भोपाल। जबरन अरेस्ट कर अस्पताल में भर्ती कराने के बावजूद संयुक्त अध्यापक मोर्चा के प्रांताध्यक्ष मुरलीधर पाटीदार की हालत कोई सुधार नहीं हुआ है। उनकी किडनियों में इन्फैक्शन फैल रहा है एवं सुगर लेवल भी कमजोर हो गया है। जेपी अस्पताल के डॉक्टरों ने आज उन्हें अनशन तोड़ने की सलाह दी जिसे पाटीदार ने ठुकरा दिया।
मध्यप्रदेश में अध्यापकों को समान काम समान वेतन एवं शिक्षा विभाग में संविलियन की मांग को लेकर 24 फरवरी से अन्न त्याग कर आमरण अनशन पर बैठे प्रांताध्यक्ष मुरलीधर पाटीदार को शनिवार को प्रशासन ने जबरन गिरफ्तार कर जेपी अस्पताल में भर्ती करा दिया था। यहां उनका प्राथमिक उपचार प्रारंभ किया गया।
आज आईं जांच रिपोर्ट में पता चला है कि उनकी किडनियों में इन्फैक्शन फैल गया है एवं बॉडी में शुगर लेवल भी कम होता जा रहा है। जेपी अस्पताल के चिकित्सकों ने उन्हें स्पष्ट रूप से चेतावनी देते हुए बताया कि यदि वो भोजन नहीं लेंगे तो उनकी हालत में सुधार नहीं हो सकेगा। डॉक्टरों ने उन्हें नलियों के माध्यम से भोजन देने का प्रयास भी किया परंतु पाटीदार ने इससे इंकार कर दिया।
बताया जा रहा है कि जेपी अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने श्री पाटीदार को हमीदिया में रिफर करने का मन बना लिया है, वो नहीं चाहते कि इस मामले में किसी भी प्रकार का कलंक जेपी अस्पताल पर लगे।
उधर शाहजहानी पार्क में अनशन पर बैठे गिरीश द्विवेदी एवं सत्येन्द गौर की तबीयत भी बिगड़ने लगी है। संयोजक ब्रजेश शर्मा ने फिर दोहराया है कि आंदोलन किसी भी सूरत में निर्णय से पहले नहीं रुकेगा।