भोपाल। संविदा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। व्यापम की पात्रता परीक्षा पास कर लेने के बाद भी उन्हें फेल कर देने की कोशिशें की जा रहीं हैं। अब एक नई शर्त लागू हो गई है। बीएड अभ्यर्थियों के ग्रेजुएशन में 50 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए।
पीडित अभ्यर्थियों ने भोपालसमाचार.कॉम को भेजे एक मेल में बताया कि काउंसलिंग के दौरान एक इनलॉजिकल शर्त सामने आई है। जिन अभ्यर्थियों ने व्यापम की पात्रता परीक्षा पास कर ली है, बीएड का सर्टिफिकेट भी है, उनसे अब ग्रेजुएशन में प्रतिशत अंक मांगे जा रहे हैं। जिन्हें ग्रेजुएशन में 50 प्रतिशत से कम अंक मिले हैं उन्हें अपात्र माना जा रहा है।
सवाल यह उठता है कि यदि ग्रेजुएशन में 50 प्रतिशत से कम अंक लाने वाले अपात्र हैं तो फिर उन्हें बीएड में एडमिशन ही क्यों दिया जा रहा है। दूसरा बहुत साधारण सा सवाल यह है कि दुल्हन की मेंहदी और पायलें उस समय क्यों नहीं देखीं गईं जब व्यापम की पात्रता परीक्षा ली जा रही थी। वहीं अयोग्य करार दे देते, कम से कम उम्मीदें तो नहीं बनतीं, उम्मीदें नहीं बनतीं तो दिल भी नहीं टूटते।
अब ऐसे तमाम अभ्यर्थी लामबंदी कर रहे हैं। कोई यूनियन नहीं है, इसलिए हाईकोर्ट में जाने की प्लानिंग चल रही है। भर्ती प्रक्रिया पर स्टे की मांग की जाएगी। इससे पूर्व उन्होंने अपनी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का प्रयास किया है। देखते हैं इस मामले में शासन स्तर पर क्या हल निकल पाता है। निकल भी पाता है या नहीं।
इस व्यवस्था से नाराज अभ्यर्थी कमलेश मेहर 9977661137 एवं श्याम भट्ट 9617695667 ने ऐसे सभी अभ्यर्थियों ने संगठित होने का आग्रह किया है जो 50 प्रतिशत के नए नियम से पीडित हैं।
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