दिग्विजय सिंह की मध्यप्रदेश वापसी की मांग

भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस में दिग्विजय सिंह की जरूरत महसूस की जा रही है। कई कांग्रेसियों का मानना है कि शिवराज सिंह से लोहा लेने का दम केवल दिग्विजय सिंह जैसे नेता में ही है। भले ही दिग्विजय सिंह अब राष्ट्रीय स्तर के नेता हो गए हों, परंतु अपने मध्यप्रदेश में कांग्रेस को वापस सत्ता में लाने के लिए उन्हें समय निकालना ही चाहिए। कुछ इसी तरह के तथ्यों को उजागर कर रही है राजधानी के स्वतंत्र पत्रकार अमिताभ पाण्डे की यह रिपोर्ट:-

अपने किरदार में बेबाक हमारा रहबर, जिसने हर मोड पे इक राह नई दिखलाई,
नाम देष विदेष में राजा दिग्विजय सिंह का, काम भी ऐसे किये है कि हुआ हर शख्स शैदाई

उपरोक्त पंक्तियों के माध्यम से अखिल भारतीय कॅाग्रेस कमेटी के महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के व्यक्तित्व और कृतित्व को आसानी से समझा जा सकता है। वे अपने समर्थकों में राजा साहब के नाम से लोकप्रिय हैं। यह लोकप्रियता साल दर साल लगातार बढती जा रही है। वे कॅाग्रेस के सर्वाधिक मुखर महासचिव के रूप में भारतीय राजनीति के आकाश पर छा गये हैं।

भाजपा सहित अन्य विपक्षी दल आये दिन अल सुबह से देर रात दूरबीन लेकर उनकी कमियॅा खोजने की कोशिश करते रहते हैं लेकिन हाथ कुछ नहीं लगता। मुख्यमंत्री में रूप में 10 साल तक शानदार तरीके से मध्यप्रदेश पर राज करने वाले राजा साहब की उदार कार्यशैली, कट्टरपन्थी लोगों को मुंहतोड जवाब देने का तरीका यह बताता है कि वे दिलदार ही नहीं दमदार भी है। उनके घोर विरोधी भी यह मानते हैं कि दिग्विजय सिंह जो मुददा उठाते हैं वह सहीं, तथ्यपूर्व होता है। यहीं कारण है कि तमाम विपक्षी दलों के दिग्गज नेता भी आज तक दिग्विजय सिंह को किसी मुद्दे पर नहीं घेर पाये है।

उलटे श्री सिंह विपक्षी दलों को अपने धारदार बयानों के तीर से आये दिन घायल करते रहते हैं। जनता से जुडे मुद्दों को दमदार तरीके से उठाने की दिग्विजय शैली वाकई अद्भुत हैं। धर्म के नाम पर कट्टरता फैलनों वालों के वे सदैव दुष्मन रहे हैं। यह भी सही है कि व्यकित्गत तौर पर दिग्विजय सिंह अपने धर्म का जिस प्र्रकार गंभीरता से पालन करते है वह दूसरे नेताओं में देखने को नहीं मिलता। उनके मन में सभी धर्मो के प्रति सम्मान का भाव है। साधु संतो का सानिध्य आज भी उन्हें प्रिय है।
   
मध्यप्रदेश में इन दिनों जिस  ‘‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्षन योजना’’ की चर्चा हो रही है दरअसल उसका श्रेय तो दिग्विजय सिंह को ही जाता है। श्री सिंह इसे बिना किसी औपचारिक घोषणा के अपने मुख्यमंत्रित्व काल में सफलतापूर्वक लागू कर चुके थें। उन दिनों मुख्यमंत्री श्री सिंह के निजी सचिव राजेन्द्र रघुवंशी हुआ करते थे जिनका काम श्री सिंह के निर्देश पर लोगों को गंगाजी, अजमेर, गिरीराज जी, मथुरा, वृन्दावन, शिर्डी सहित अन्य धार्मिक स्थानों पर भेजने का होता था।

मुख्यमंत्री के रूप में राजा साहब ने जितने पुरूषों, महिलाओं, बच्चों को तीर्थस्थलों की सैर करवाई वह आज भी एक रिकार्ड बनकर रह गया है। दिग्विजय राज में मुख्यमंत्री निवास प्रदेश भर के बीमारों, बेरोजगारों का मुकाम भी बन गया था जहॅा से लोग अपने उपचार और रोजगार का रास्ता तलाश लिया करते थे। उन दिनों मुख्यमंत्री निवास में 5-6 हजार लोग प्रतिदिन आते थे और अपनी समस्याओं का समाधान लेकर लौटते थें। परेशान लोगों की समस्याओं को दिग्विजय सिंह सुबह 6 बजे से राज 2 बजे तक सुनते देखे जा सकते थे।

उन्होंने लोगों के खाने, पीने, ठहरने और वापस घर जाने के लिए किराये की व्यवस्थ भी मुख्यमंत्री निवास में कर रखी थी। नेताओ और अफसरों के पहले आम आदमी की पुकार सुनने वाले ऐसे मुख्यमंत्री को अब जनता सत्ता के गलियारों में खोज रही हैं। हर परेशान आदमी से खुद मिलना उसका आवेदन लेकर हाथोहाथ उस पर निर्देष लिखना दिग्विजय की आदत में शुमार था।

अब मुख्यमंत्री निवास में नेता ,अफसरों की भीड भले ही दिखाई दे लेकिन बीमार, बेकार, परेशान लोगों के लिए मुख्यमंत्री निवास के दरवाजे आसानी से खुलते नहीं है। मुख्यमंत्री निवास आम आदमी को वीरान सा नजर आता है कयोकि अब मुख्यमंत्री तक सबका पहॅुचना मुष्किल हो गया है। परेषान लोग अब श्यामला हिल्स स्थित दिग्विजय सिंह के घर दिखाई देते है जो यह साबित करता है कि श्री सिंह आज भी सबकी आशा, सबके विश्वास का केन्द्र हैं। लोगों को उनसे बडी उम्मीद है। दिग्विजय सिंह जब भोपाल प्रवास पर होते हैं तो उनके निवास पर नेताओं से ज्यादा भीड गरीब,परेशान समस्याग्रस्त लोगों की होती है जिनकी समस्याओं का समाधान राजा साहब अब भी कर रहे हैं।

आज दिग्विजय के द्वार बीमार, बेरोजगार लोगों की मदद के लिए खुले हैं। वे अपने निजी कोष से सबकी मदद करते हैं। राजगढ जिले की सारगंपुर तहसील के ग्राम पडाना के सरपंच प्रदीप जैन कहते हैं कि जितने बीमारों को राजा साहब ने एम्स जैसे बडे खर्चीले अस्पताल में इलाज करवाकर जीवनदान दिया वैसा करने वाला और कोई नेता नहीं है। श्री सिंह आज भी अपने खर्च से गरीबों का दिल्ली, इन्दौर, भोपाल में उपचार करवाते हैं। उन्होने राजगढ जिले के सैकडों नौजवानों को देष विदेष में रोजगार दिलवाया है। सासंद प्रतिनिधि राषिद जमील, षेख मुषर्रफ, हफीज मेवाती  के मुताबिक श्री सिंह राजगढ जिले के विकास का प्रतीक हैं। राजगढ विधायक हेमराज कलपोनी के अनुसार राजा साहब देश प्रदेश की शान हैं और राजगढ जिले के नागरिकों को उन पर गर्व है।

ब्यावरा के विधायक  पुरूषोतम दांगी के अनुसार वे छोटे छोटे कायकर्ता को भी नाम और काम से पहचानते हैं। उसकी चिन्ता करते हैं। प्रदेष युवक कॅाग्रेस अध्यक्ष और खिलचीपुर विधायक प्रियव्रत सिंह खींची कहते हैं कि दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में भाजपा सरकार को मध्यप्रदेष से उखाड फेकने की तैयारी तेज हो गई हैं। राजगढ संसदीय क्षेैत्र के सासंद नारायण सिंह आमलाबे राजगढ जिले को विकास की मुख्यधारा से जोडने का श्रेय राजा साहब को देते हैं। श्री आमलाबे के अनुसार जल्द ही केन्द्र सरकार से राजगढ जिले को अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं मिलनेवाली है जिनसे क्षेत्र की बेरोजगारी दूर होगी ,सिंचाई का क्षेत्र बढेगा और क्षेत्र का समग्र विकास होगा।

पूर्व सासंद लक्ष्मण सिंह, राजगढ जिला कॅाग्रेस अध्यक्ष रामचन्द्र दांगी, महामंत्री आनंदीलाल जाट, पूर्व विधायक प्रताप मण्डलोई, बलराम सिंह गुजर, मोहन मालवीय, युवा नेता गिरीष भण्डारी, महेन्द्र सिंह परिहार, सारगंपुर नगरपालिका के युवा ऊर्जावान अध्यक्ष मोहम्मद अली नगर पंचायत तलेन के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण यादव वरिष्ठ काग्रेस नेता गोकरण जगदीष वर्मा जीरापुर, दुर्गामामा, कमल षर्मा पचोर सहित राजगढ जिले के ज्यादातर कॅाग्रेस पदाधिकारी यह मानते हैं कि मध्यप्रदेष में कॅाग्रेस की वापसी के लिए दिग्विजय सिंह को मध्यप्रदेष में अधिक समय देना होगा।

फिलहाल वे राष्ट्रीय स्तर पर महासचिव के रूप में अधिक व्यस्त हैं जबकि मध्यप्रदेश में मैदानी कार्यकर्ताओं को दिग्विजय सिंह जैसे मेहनती, आक्रामक नेता की जरूरत ज्यादा महसूस हो रही है। कडी मेहनत और गरीब जरूरतमंद लोगों की दुआओं के दम पर भले ही राष्टीय राजनीति मे दिग्विजय सिंह नें शानदार मुकाम हासिल कर लिया हो लेकिन राजगढ राघोगढ की जनता के लिए तो आज भी वे राजा साहब ही हैं। राजा साहब जिनसे अधिकारपूर्वक अपनी बात कही जा सकती हैं। आम जनता की बात को गंभीरता से सुनने के लिए उनके पास गजब का धैर्य हैं। वे कभी किसी पर नाराज नहीं होते। राजगढ राघौगढ क्षे़त्र की जनता भारतीय राजनीति के इस महानायक को देष विदेष में और अधिक सम्मानजनक पद पर प्रतिष्ठित होते देखना चाहती है। हमारी दुआओं मे असर हो भी, दिखे भी । बस, राजा साहब के जन्म दिवस पर यही कामना है।


अमिताभ पाण्डेय,
जी- 10/3 साउथ टी टी नगर ,भोपाल
मो.: 9424466269
लेखक राजधानी के स्वतंत्र पत्रकार हैं।
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