भोपाल। एक बार फिर वही सबकुछ सामने आने लगा है जो पिछले तीन सालों से लगातार आ रहा है। सीएम शिवराज सिंह चौहान की भावनाओं, आदेशों एवं घोषणाओं की मध्यप्रदेश में कोई वेल्यू नहीं रह गई है। वो चीख चीख कर कह रहे हैं कि किसान का एक एक दाना खरीदा जाएगा और राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ने ओला वृष्टि से खराब हुआ गेंहू खरीदने से इंकार कर दिया है।
निगम का कहना है कि गेहूं खरीदी में दाने की क्वालिटी का ध्यान रखा जाएगा। बारीक और गीला दाना नहीं खरीदा जाएगा। खाद्य मंत्री पारस जैन ने गुरुवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि ज्यादा से ज्यादा किसानों का गेंहू खरीदा जा सकें इसलिए ई-उपार्जन प्रक्रिया अपनायी जा रही है। गेंहू उपार्जन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इसी के साथ इस वर्ष राज्य नागरिक आपूर्ति निगम को गेंहू की रिकार्ड खरीदी करीब 110 लाख मीट्रिक टन होने की उम्मीद है।
पिछले वर्ष खरीदी का यह रिकार्ड 85 लाख मीट्रिक टन था। पत्रकारों से चर्चा करते हुए जैन ने कहा कि प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा किसानों का गेंहू खरीदा जा सके इसके लिए इस बार ई-उपार्जन प्रणाली को और प्रभावी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इस बार हुए किसानों के पंजीयन में 6 लाख 86 हजार किसानों का पंजीयन जांच के बाद संशोधित किया गया, जबकि 36000 निरस्त किए गए। खाद्यमंत्री के मुताबिक इस बार सरकार 1005 करोड़ रुपए बतौर बोनस किसानों को बांटने जा रही है। इसके अलावा 20 हजार करोड़ रुपए की साख सीमा भारतीय रिजर्व बैंक गेहूं खरीदी के लिए ली गई है।
उन्होंने कहा कि गेंहू की खरीदी में क्वालिटी का ध्यान रखा जाएगा। खाद्यमंत्री का कहना है कि ओला वृष्टि से सड़ा हुआ गेंहू नहीं खरीदा जाएगा। पिछले वर्ष गेंहू के रखरखाव का सही प्रबंधन न होने से लाखों मीट्रिक टन गेंहू सड़ गया था इसलिए निगम का दावा है कि इस बार उपार्जित गेंहू के रखने के लिए गोदामों की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। कुल खरीदी 110 लाख मीट्रिक टन को सुरक्षित रखने के लिए 30 लाख टन शासकीय गोदाम में, 42 लाख टन निजी गोदाम, 20 लाख टन पक्के कैप तथा 6 लाख टन कच्चे कैप में रखने की व्यवस्था है। आठ लाख टन गेहूं साइलो बैग में रखा जाएगा। बारदाने के लिए 1002 करोड़ रुपए भी एडवांस में डीजीएस एंड डी को दे दिए गए हैं। बारदाने की इस बार कोई दिक्कत नहीं होगी।