बाल आयोग ने कहा: फीस नहीं मिली तो टीसी थमा दी, ये नहीं चलेगा

भोपाल। बाल अधिकार संरक्षण आयोग की विशेष बेंच में प्रकरणों की सुनवाई में आयोग की अध्यक्ष श्रीमती ऊषा चतुर्वेदी ने कहा है कि किसी भी शिक्षण संस्था से सत्र के दौरान छात्रों का निष्कासन उचित नहीं है। यह बात उन्होंने प्रूफ पब्लिक स्कूल इटारसी द्वारा आवेदक कृषक के तीन बच्चों को टीसी देने के प्रकरण की सुनवाई में कही।

सुनवाई के लिए 20 प्रकरण आये थे। इनमें से 11 में समुचित कार्यवाही के निर्देश दिये गये और 9 प्रकरण में अनावेदक की अनुपस्थिति और अन्य कारण से सुनवाई नहीं हो सकी।

इटारसी के आवेदक कृषक मनोज पटेल ने आयोग को शिकायत की थी कि प्राथमिक शाला में पढ़ रहे उसके तीन बच्चों को प्रूफ पब्लिक स्कूल इटारसी द्वारा गलत ढंग से स्थानांतरण प्रमाण-पत्र (टी.सी.) देकर स्कूल से निकाल दिया गया। प्रकरण की सुनवाई में आयोग ने प्राचार्य की उपस्थिति आवश्यक बताते हुए शाला प्रबंधन समिति के सचिव के तर्क अमान्य करते हुए बच्चों को बीच शिक्षा सत्र से निकालने को ‘‘शिक्षा के अधिकार’’ कानून के तहत अनुचित माना।

उन्होंने कहा कि फीस देने में हुई देरी पर शिक्षण संस्था द्वारा 10 रुपये प्रतिदिन के अर्थ दण्ड के आधार पर नियमित फीस से अधिक अर्थ दण्ड का समुचित समाधान होने तक बच्चों को पढ़ने और परीक्षा देने से नहीं रोका जाना चाहिये।

मध्यान्ह भोजन व्यवस्था सुधारिए, स्कूल की छत पर मोबाइल टावर नहीं चलेगा

सागर जिले की शासकीय माध्यमिक शाला रजाखेड़ी में बच्चों को मध्यान्ह भोजन हाथ में देने तथा बच्चों द्वारा भोजन जमीन पर रख कर खाने के प्रकरण का संज्ञान लेते हुए आयोग ने जिला शिक्षा अधिकारी श्री शुक्ला को मध्यान्ह भोजन संबंधी व्यवस्थाएँ सुधारने के निर्देश दिये। रॉयल स्कूल धनवंतरी थाना गढ़ा, जबलपुर में स्कूल की छत पर मोबाइल टॉवर लगाने से बच्चों की जान एवं स्वास्थ्य से खिलवाड़ संबंधी प्रकरण में शाला की डायरेक्टर श्रीमती वर्षा चौहान को श्रीमती चतुर्वेदी ने टॉवर को तत्काल हटाने के निर्देश दिये।

अखबारों की खबरों पर जारी हुए निर्देश

इन प्रकरण के अतिरिक्त मंदसौर, नीमच एवं सागर के स्कूल एवं आँगनवाड़ी केन्द्रों के आकस्मिक निरीक्षण में पायी गई अनियमिताएँ, इंदौर जिले में महू स्थित छात्रावास एवं शालाओं के निरीक्षण में पायी गई अनियमितताओं के संबंध में जिला शिक्षाधिकारी और कार्यक्रम अधिकारी महिला-बाल विकास विभाग को निर्देश दिये गये। छतरपुर जिले के मतादीन स्व-सहायता समूह द्वारा घटिया मध्यान्ह भोजन दिये जाने पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सीहोर को उचित कार्यवाही के निर्देश दिये। ‘ग्यारह छात्राएँ अस्पताल पहुँची’ संबंधी समाचार पर छात्राओं के त्वचा-रोग के समुचित उपचार के निर्देश सर्वशिक्षा अभियान शहडोल के सहायक परियोजना अधिकारी को दिये।

इसके अलावा सीहोर में छात्र के साथ क्रूरतापूर्वक मारपीट किये जाने संबंधी शिकायत में संबंधित छात्र के उपस्थित रहने पर सुनवाई करने और शहडोल में ‘अधीक्षक के बंधुआ हो गये छात्र’ संबंधी समाचार के प्रकरण में आयोग द्वारा आवश्यक जाँच करवाने का भी निर्णय लिया गया। प्रकरण की सुनवाई के समय आयोग के सदस्य डॉ. रीता उपमन्यु, श्रीमती विजया शुक्ला, श्रीमती आशा यादव, श्रीमती रीना गुजराल, श्रीमती आर.एच. लता और श्री विभांशु जोशी उपस्थित थे।
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