भोपाल। मध्यप्रदेश शासन ने आज शुक्रवार को हुई स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल को अवैध घोषित करते हुए कर्मचारी नेता राहुल जैन के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर ली है। प्रमुख सचिव का कहना है कि जो लोग हड़ताल पर गए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
राजधानी में जारी रिलीज में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के कुछ कर्मचारियों द्वारा की जा रही हड़ताल को शासन द्वारा अवैधानिक ठहराया गया है। राज्य शासन ने कहा है कि संविदा कर्मियों को हड़ताल के लिये उकसाने वाले संविदा कर्मी राहुल जैन के विरुद्ध प्राप्त शिकायतों एवं वित्तीय अनियमितताओं की पूर्व से जाँच चल रही है।
वेतन में 3 से 7 हजार की वृद्धि
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रवीर कृष्ण ने कहा है कि मिशन के संविदा कर्मचारियों के वेतन में 3 से 7 हजार रुपये प्रतिमाह की वृद्धि की गई है। बढ़ी हुई राशि का भुगतान किये जाने के अलावा 10 माह का एरियर भी दिया जा रहा है। अप्रैल, 2012 से वृद्धि लागू की गई है। केन्द्र सरकार से आवश्यक स्वीकृति के पश्चात बढ़ी हुई राशि दी जा रही है।
अगले साल मंहगाई भत्ता भी मिलेगा
उन्होंने बताया कि आगामी वर्ष से वेतन और मानदेय को महँगाई से जोड़ते हुए इसके अनुरूप राशि का भुगतान किये जाने का प्रयास है। भारत सरकार की परियोजना के पदों पर ही संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी कार्यरत हैं।
हड़तालियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों को हड़ताल के लिये प्रेरित करने वाले राहुल जैन खरगोन में कार्यरत हैं तथा स्वयं कुछ प्रकरणों में दोषी हैं। इसका प्रतिवेदन तैयार होने की जानकारी मिलने पर उन्होंने हड़ताल का वातावरण बनाया। चिकित्सकों में 99 प्रतिशत और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों में 70 प्रतिशत लोग हड़ताल पर नहीं गये। राज्य के स्वास्थ्य विभाग का अथवा वहाँ के कर्मचारियों से इस हड़ताल का कोई संबंध नहीं है। शासन द्वारा हड़ताल पर जाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जा रही है। यह हड़ताल अवैधानिक है और हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों का प्रभार अन्य लोगों को दे दिया गया है।