मध्यप्रदेश की लापता डबल डेकर का सुराग नहीं, नए कोच मार्च में मिलेंगे

भोपाल। कपूरथला से भोपाल के लिए चले डबल डेकर ट्रेन के लापता कोच का कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है। रेलवे अधिकारी इस बारे में कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। सनद रहे कि कपूरथला से भोपाल के लिए चली डबल डेकर कोच के बीच रास्ते में ही दक्षिण भारत की ओर रवाना हो गया था।

इस मामले में वहां के जनप्रतिनिधियों के दबाव के चलते यह कोच उन्हें आवंटित कर दिया गया था परंतु जैसे ही इसकी जानकारी मध्यप्रदेश के जनप्रतिनिधियों को लगी तो उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई परंतु उनकी आपत्ति का कोई असर नहीं हुआ। मध्यप्रदेश के लिए नए कोच बनाए जा रहे हैं और कहा गया है कि वो मार्च के अंत तक तैयार हो जाएंगे।

हबीबगंज से इंदौर के बीच चलाई जाने वाली बहुप्रतीक्षित डबल डेकर ट्रेन के कंप्लीट कोच मार्च के अंतिम सप्ताह तक कपूरथला स्थित रेलवे कोच फैक्ट्री में बनाए जा सकेंगे। पिछले रेल बजट में घोषित गाडिय़ों के संचालन के लिए रेलवे अब दिनरात तैयारियों में जुट गया है। इसी कड़ी में डबल डेकर ट्रेन के कोच भी तैयार किए जा रहे हैं।

पिछले रेल बजट में भोपाल के लिए कुछ गाडिय़ों की घोषणा की गई थी। इनमें से डबल डेकर प्रमुख रूप से बची हुई है। इसके अलावा बीना-भोपाल के बीच मेमू ट्रेन भी अपडाउनर्स की मांग पर चलाई जाएगी। इसका रैक यानी कंप्लीट ट्रेन भी झांसी तक आने की जानकारी रेलवे सूत्रों ने दी है।

कपूरथला की कोच फैक्ट्री में इन दिनों हबीबगंज-इंदौर के बीच चलाई जाने वाली डबल डेकर ट्रेन के जनरेटर कार सहित 17 कोच तैयार हो रहे हैं। करीब 50 करोड़ रुपए की लागत से यह कोच तैयार किए जा रहे हैं। इनमें से 13 कोच व 3 जनरेटर कार कोचों का उपयोग ट्रेन की शुरुआत में होगा। बचे हुए एक कोच व एक जनरेटर कार कोच को रिजर्व में रखा जाएगा।

रेल सूत्रों ने गत 2 फरवरी को कोच फैक्ट्री कपूरथला से निकले डबल डेकर ट्रेन के रैक का परीक्षण दिल्ली में किए जाने की जानकारी दी है। रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी केके दुबे का कहना है कि नई गाड़ी के रैक का पहले कमिश्नर रेलवे सेफ्टी के द्वारा परीक्षण किया जाता है। इसके बाद ही उसका संचालन होता है। हालांकि रेलवे बोर्ड के अधिकारी यह नहीं बता रहे हैं कि परीक्षण कहां चल रहा है।


चेन्नई-बेंगलुरू का रैक गायब...


इधर, रेल सूत्रों ने बताया कि गत 2 फरवरी को डबल डेकर ट्रेन का जो रैक कपूरथला कोच फैक्ट्री से निकला है, उसकी जानकारी देने से अधिकारी बच रहे हैं। खासकर इसलिए भी बच रहे हैं कि यह रैक भोपाल के लिए तैयार किया गया था, पर दक्षिण भारत के जन प्रतिनिधियों व रेल अधिकारियों के दबाव के चलते उसे चेन्नई-बेंगलुरू के लिए अलॉट कर दिया गया। सूत्रों ने तो यहां तक बताया है कि इस रैक पर हबीबगंज-इंदौर ट्रेन के नंबर तक डलना शुरू हो गए थे पर अचानक रेल मंत्रालय से आदेश पहुंच गया कि इसे चेन्नई को अलॉट किया जाए। इस कारण अधिकारी व जन प्रतिनिधि पूरे मामले में बातचीत करने तक से बच रहे हैं।


हां हम मार्च के अंतिम सप्ताह तक कंप्लीट कर देंगे

कपूरथला स्थित कोच फैक्ट्री में हबीबगंज-इंदौर डबल डेकर ट्रेन के 17 कोचों का निर्माण चल रहा है। ट्रेन 31 मार्च के पहले शुरू हो सके, इसलिए दिनरात कोच व जनरेटर कोचों का निर्माण चल रहा है। कंप्लीट गाड़ी मार्च सप्ताह तक तैयार होने की संभावना है।

रजनीश बंसल, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपूरथला कोच फैक्ट्री

पिछले रेल बजट में घोषित वे ट्रेनें जो नहीं चलीं: हबीबगंज-इंदौर डबल डेकर, साप्ताहिक भुज-शालीमार एक्स. वाया निशातपुरा, इंदौर-रीवा साप्ताहिक एक्सप्रेस वाया निशातपुरा और बीना-भोपाल मेमू ट्रेन।
If you have any question, do a Google search

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!