भोपाल। मध्यप्रदेश में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने सीएम शिवराज सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि धार भोजशाला को सीएम ने लावारिस छोड़ दिया था। वो तो शुक्र है भगवान का कि वहां कोई अप्रिय घटना नहीं हुई, अन्यथा संभालने के लिए सरकार का मौके पर एक भी प्रतिनिधि नहीं था। श्री सिंह ने कहा कि सीएम ने हिन्दू और मुसलमानों दोनों को अपमानित किया है।
सीएम से इस्तीफे की मांग
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भोजशाला में शांति,व्यवस्था भंग होने और एएसआई.तथा अदालत के आदेशों के अनुसार पूजा-नमाज का पालन न कराए जाने पर मुख्यमंत्री,शिवराज सिंह चौहान से इस्तीफा मांगा है। उन्होने कहा कि भाजपा सरकार के इस रवैये से सभी धर्मो और संम्प्रदाय की भावनाओं को चोट पहुंची है।
सरकार ने पल्ला झाड़ने की नीति अपनाई
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि इस प्रदेश के मुखिया होने के नाते मुख्यमंत्री की यह संवैधानिक जिम्मेदारी थी कि वे धार में नमाज और पूजा दोनो शांतिपूर्वक सम्पन्न कराते। यह आदेश एएसआई के साथ अदालत के थे लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं कराया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर तुष्टीकरण का आरोप लगाने वाली भाजपा ने भोजशाला जैसे संवेदनशील मुद्दे पर जो पल्ला झाड़ने की नीति अपनाई वह कानून व्यवस्था के प्रति उसकी घोर लापरवाही की पराकाष्ठा थी।
भोजशाला में गंभीर हादसे के इंतजार में थे शिवराज
श्री सिंह ने कहा कि मैने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उन्हें चेताया था कि वे सरकार में रहते हुए अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी से बच रहे है। मुख्यमंत्री ने आज तक भोजशाला के मुद्दे पर मौन जो अपनाया है,उसके स्पष्ट संकेत है कि वे धार में किसी गंभीर हादसे के इंतजार में थे। उन्होंने धार की जनता को बधाई दी कि उन्होंने साम्प्रदायिक संगठनों के बहकावे में न आकर जो धैर्य और शांति का परिचय दिया उसके कारण वहां कोई गंभीर घटित नहीं हुई ।
भोजशाला में नमाज नहीं, नमाज की रस्म अता हुई
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि नमाज कराने की सिर्फ रस्म अदायगी की मांत्र 17 लोंगों को संगीनों के साए में वह भी तय समय के बाद नमाज अता कराई है वह स्पष्टतः एएसआई के आदेशों का उल्लधंन है। श्री सिंह ने जनता पर बर्बर लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा कि अनहोनी की आशंका से भयभीत जनता के अंदर विश्वास पैदा करने उन्हे संरक्षण देने का दायित्व भी भाजपा सरकार ने निभाना जरूरी नहीं समझा।
सरकार का कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं
उन्होने कहा कि सरकार का एक भी प्रतिनिधि इस अति संवेदनशील स्थल पर मौजूद न रहना और पूरी जवाबदारी पुलिस ओर जिला-प्रशासन के ऊपर छोडकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संवैधानिक दायित्वों के निर्वहन में कोताही बरती है। इसके लिए उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए ।