राजेश शुक्ला/ अनूपपुर। यहां हुए संभागीय फुटबॉल टूर्नामेंट में सांसद का बालाघाट प्रेम उनके विरोध का कारण बन गया। उन्होंने हारने के बावजूद बालाघाट की टीम को पुरस्कृत कर डाला। बस फिर क्या था, तमाम फुटबॉल प्लेयर्स नाराज हो गए और उन्होंने खुलेआम कह डाला कि 2014 आने दो, हम सांसद को ही किकआउट कर देंगे।
स्वर्गीय दलवीर सिंह स्मृति संभागीय फुटबाल टूर्नामेंट के आयोजक द्वारा अनूपपुर के फुटबाल टीम सहित 6 अन्य टीमों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया गया है। वहीं शहडोल की टीमों के हारने के बाद भी उन्हें पुरूस्कृत किया गया है। यह आरोप अनूपपुर फुटबाल टीम के कप्तान आफताब आलम ने लगायें हैं, इन्होंने फुटबाल टीम के आयोजकों पर आरोप लगाते हुये कहा कि टूर्नामेंट के पिक्चर में तीसरे स्थान के टीम के लिये कोई भी ईनाम नहीं था परंतु अध्यक्ष एवं संरक्षक ने यहां भी भेदभाव किया।
अनूपपुर के कप्तान ने कहा कि इस मैच में 22 टीमों ने हिस्सा लिया। जिसमें प्रथम विजेता को 31 हजार रूपये और द्वितीय को 25 हजार रूपयें एवं दोनों को ट्रेक सूट देना था एवं मुकाबले में हारने वाले टीमों को कोई भी ईनाम नहीं था। एक मैच के दौरान एन.ई.आई. रेलवे शहडोल पहला मैच हार गई उसे सभी खिलाडिय़ों के लिये संरक्षक व सांसद राजेश नंदनी ने ट्रेक सूट एवं आने जाने का किराया दिया।
वहीं हारने वाली सात टीमे अनूपपुर, चचाई, बिम्हौरी, पटनाकला, पपरौडी, धनपुरी, विचारपुर की टीमे हार गई। इन्हें हारने के बाद न तो आने जाने का किराया दिया गया और ना ही सम्मान स्वरूप कोई ईनाम वहीं शहडोल की टीम को हारने के बाद भी सभी खिलाडिय़ों को ट्रेक सूट व किराया दिया गया।
इस बात को लेकर खिलाडिय़ों में फुटबाल टूर्नामेंट के आयोजकों के प्रति रोष है। खिलाडियों ने यह भी आरोप लगाया कि सांसद द्वारा अनूपपुर की टीम के साथ जानबूझ कर सौतेला व्यवहार किया गया है। इस संबंध मे जब खिलाडिय़ों ने फुटबाल आयोजक के अध्यक्ष फुंदेलाल से जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि यह सांसद मैडम का व्यक्तिगत निर्णय है। अगर यह निर्णय सांसद का शहडोल टीम के लिये है तो आने वाले दिनों में इन्हें भारी पड़ सकता है।
राजनीतिक लाभ के लिये यह फुटबाल टूर्नामेंट कुछ टीमों को खुश करके बाकी टीमों को नाराज करना महंगा साबित होगा। इस तरह से इन टीमों के साथ फुटबाल आयोजकों ने भारी अपमान किया है। जबकि सांसद के लिये शहडोल हो या अनूपपुर सभी खिलाडियों का बराबर सम्मान करना चाहिए। वैसे भी सांसद अनूपपुर के पक्ष में नहीं हैं वह तो सिर्फ शहडोल की सांसद बनकर रह गई हैं। राजनीतिक स्वार्थवश फुटबाल टूर्नामेेंट आयोजक के अध्यक्ष फुंदेलाल पर भी यह आरोप लगा है कि जहां से उन्हें चुनाव लडऩा है। वहां के टीमों को उन्होंने भरपूर सहयोग दिया है वहीं अनूपपुर सहित छ: अन्य टीमों के साथ सौंतेला व्यवहार दोनों ही नेताओं ने कर यह साबित कर दिया कि हमें वहां से कोई मतलब नहीं।
ज्ञात हो कि शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद श्रीमती राजेश नंदनी सिंह शुरू से ही शहडोल से लगाव रहा है। उन्हें अनूपपुर से कोई वास्ता नहीं रहा। इस जिले की विकास के लिये कोई ठोस पहल नहीं की है। हर जगह इन्होंने इस जिले को ठेंगा दिखाने की कोशिश की है। इसका जीता जागता उदाहरण फुटबाल खिलाडिय़ों के साथ किया गया सौंतेला व्यवहार है।
अगर इस तरह का भेदभाव करना था तो उन्हीं टीमों को बुलवाते जहां से उन्हे अधिक राजनैतिक लाभ होता बाकी टीमों को क्यों बुलाया गया। क्या अपमान करने के लिये । फुटबाल खिलाडिय़ों ने कहा कि इस अपमान का घूंट हम नहीं भूलेंगे, बल्कि 2014 में इस अपमान का बदला जरूर लेंगे।