इंदौर। धार भोजशाला में तनाव और विवाद के बावजूद 50 हजार से ज्यादा भक्तों ने पूजा अर्चना की एवं पुलिस लाठीचार्ज में 50 से ज्यादा भक्त घायल हो गए। भोजशाला परिसर में हंगामें और पुलिस लाठीचार्ज के बाद हिन्दु जागरण मंच ने चार दिवसीय भोज उत्सव रद्द करने की घोषण कर दी है। कहा जा रहा है कि हिन्दु जागरण मंच के नेताओं ने पुलिस कार्रवाई को 2006 में हुई घटना की पुनरावृत्ति करार देते हुए विरोध स्वरुप उत्सव रद्द करने की घोषणा की है।
भोजशाला में जमकर हंगामें के बीच लोगों ने पुलिस जीप पर पथराव कर दिया गया, इस दौरान एक बाइक में भी आग लगा दी। तनाव बढ़ाता देख प्रशासन ने केवल पंद्रह लोगों को ही नमाज अदा करवाई। पांच-पांच लोगों को नमाज अदा कराई गई। परिसर से बाहर बड़ी संख्या में पूजा के लिए पहुंचे लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पूरे क्षेत्र में तनाव फैल गया। सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए गए। अंदर जाने की कोशिश कर रहे हिंदुओं पर पुलिस ने लाठी भांजना शुरू कर दिया। आंसू गैस के गोले भी छोड़े। लोगों को हटाने के लिए हवाई फायर भी किया। एक से तीन बजे तक नमाज का समय तय होने से 100 मुस्लिम नमाज अदा करने कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचे।
नमाज अदा कराने के लिए शहरकाजी पुलिस अफसरों के साथ भोजशाला पहुंचे। पूजा का समय समाप्त होने से दरवाजा बंद कर दिया गया था और दर्शनार्थियों को अंदर जाने से रोका जा रहा था। इस दौरान खबर मिल रही है कि लाठीचार्ज में 50 से ज्यादा भक्त घायल हो गए।
शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती को लेकर भाजपा नेता एवं पुलिस अधिकारी इंदौर से धार के लिए निकले थे, लेकिन शंकराचार्य का काफिला धार की बजाय ओमकारेश्वर की ओर मोड़ दिया गया। जो कि बिल्कुल विपरीत दिशा थी। शंकराचार्य के बयान के बाद से ही शासन-प्रशासन की यही कोशिश रही थी कि उन्हें भोजशाला जाने से रोका जाए।
इससे पहले भोजशाला उत्सव समिति के जुलूस को पुलिस ने करीब दस किलोमीटर पहले ही रोक दिया था, जिसके बाद टकराव की स्थिति निर्मित हो गई थी। पुलिस ने हल्का बल भी प्रयोग किया था। समिति प्रबंधन और प्रशासन में हुई बातचीत के बाद करीब पंद्रह से बीस हजार लोगों का कारवां भोजशाला परिसर में पहुंचा था।