भोपाल। शिक्षा का अधिकार कानून के जरिये वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए प्रायवेट स्कूलों तथा केन्द्रीय विद्यालयों की प्रवेशित कक्षा में, न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटों पर निःशुल्क प्रवेश मिलेगा। इस आशय के आदेश आज स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव श्री संजय सिंह ने जारी किये।
आदेश में कानून से संबंधित राज्य के नियमों का हवाला देते हुए स्पष्ट किया गया है कि, गैर अनुदान प्राप्त प्रायवेट स्कूलों में, संबंधित स्कूल की पड़ोस की बसाहट के वंचित समूह और कमज़ोर वर्ग के बच्चों के लिए उस स्कूल की प्रथम प्रवेशित कक्षा के कुल स्थान में से न्यूनतम 25 प्रतिशत स्थान रिक्त रखे जाएँगे। इन सीटों पर निर्धारित प्रक्रिया अनुसार निःशुल्क प्रवेश सुनिश्चित करवाया जाएगा।
आदेश में वंचित समूह को स्पष्ट करते हुए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विमुक्त जाति, वनभूमि के पट्टाधारी परिवार और 40 प्रतिशत से अधिक निःशक्तता वाले बच्चों को शामिल किया गया है। वहीं स्कूल के पड़ोस के संबंध में ग्रामीण क्षेत्र में स्कूल से संबंधित ग्राम सहित उसकी सीमा से लगे हुए ग्राम और शहरी क्षेत्र की सीमा से लगे वार्ड, यदि कोई हो, को शामिल किया गया है। नगरीय क्षेत्र में स्कूल से संबंधित वार्ड तथा उसकी सीमा से लगे हुए वार्ड तथा उसकी सीमा से लगे हुए ग्राम, यदि कोई हो, सम्मिलित किए गए हैं। इस संबंध में स्पष्ट किया गया है कि यदि पड़ोस सीमा बसाहटों में प्रवेश के लिए न्यूनतम 25 प्रतिशत संबंधित वर्ग के बच्चे उपलब्ध नहीं होते हैं, तो उससे लगी पड़ोस की बसाहट के बच्चों को प्रवेश के लिए विचार में लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि निर्धारित पड़ोस में पर्याप्त बच्चों के नहीं होने पर पड़ोस की विस्तारित सीमा के बच्चों को 25 प्रतिशत स्थानों के रिक्त स्थानों पर प्रवेश दिया जाएगा। शासन ने समस्त ज़िला शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि वे प्रत्येक गैर अनुदान प्राप्त प्रायवेट स्कूल को, उसके पड़ोस और विस्तारित पड़ोस की बसाहटों की जानकारी उपलब्ध करवाये। इसके साथ ही स्थानीय जन-प्रतिनिधियों और आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के उन्मुखीकरण कार्यक्रम किये जाएं।
शासन ने निर्धारित 25 प्रतिशत स्थानों से अधिक स्थानों पर निर्धारित वर्गों के बच्चों को निःशुल्क प्रवेश देने वाले स्कूलों को समस्त प्रवेशित विद्यार्थी की फीस की प्रतिपूर्ति किये जाने के आदेश दिये हैं। आदेश में प्रत्येक प्रायवेट स्कूल के लिए, सत्र के प्रारंभ में ही स्कूल द्वारा ली जाने वाली फीस को अधिसूचित किया जाना अनिवार्य किया है। यह फीस ही व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए विचारणीय होगी। इसके अतिरिक्त फीस लिए जाने पर वह केपिटेशन फीस की श्रेणी में दण्डनीय होगा और उस स्कूल के विरुद्ध अभियोजन की कार्यवाही की जा सकेगी।
पच्चीस प्रतिशत स्थानों पर प्रवेश के बाद शेष 75 प्रतिशत स्थान पर प्रवेश पर भी कोई स्क्रीनिंग स्कूलों द्वारा नहीं की जायेगी। इन स्थानों पर प्रवेश के लिए भी प्रायवेट स्कूल अपनी पारदर्शी प्रवेश प्रक्रिया की घोषणा करते हुए जानकारी संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी को प्रदान करेंगे।