हरिजन महिलाओं के हाथों झाडुओं से पिटे, जवान बेटी के बाप और शहर के संभ्रांत टीचर

भोपाल। एक इंटेलीजेंट जवान बेटी का बाप, पेशे से शिक्षक, जाति से जैन और कर्म ऐसे कि हरिजनों ने स्कूल में आकर झाडू से पिटाई लगाई। बचने के लिए स्कूल से बाहर निकला तो पब्लिक ने धुन डाला। बाद में पुलिस ने पकड़ा और हवालात भेज दिया। मामला वही गैंगरेप के बाद जागे भारत में छेड़छाड़ का है। 

भोपाल से महज 80 किलोमीटर दूर विदिशा शहर में संचालित मिडिल स्कूल लुहांगी शाला का 46 वर्षीय शिक्षक अशोक जैन अपनी छात्राओं को नैतिकता का पाठ नहीं पढ़ाता था, बल्कि सैक्सुअल सवाल पूछा करता था। उसे इन सवालों में बड़ा मजा आता था। वो लगभग हर छ़ात्रा से कोई न कोई ऐसा अश्लील सवाल पूछता जिसका जवाब देना मुश्किल हो जाता, लेकिन सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली गरीब छात्राएं सबकुछ सहन करने पर मजबूर थीं। 

मास्टरजी की हिम्मत बढ़ती गई और बीते रोज मास्साब ने 7वीं कक्षा की 'दामिनी' को कहा कि मैं तुम्हे 5000 रुपए दूंगा, रात में मुझसे मिलने आ जाना। अनुसूचित जाति की दामिनी जिसके माता पिता शहर में सफाई का काम करते हैं, ने जब घर जाकर अपनी मॉ को यह सबकुछ बताया तो यह आग पूरे मोहल्ले में फैल गई और स्टूडेंट्स के पेरेंट्स हाथों में झाडू, चप्पल, डंडे लिए सुबह सवेरे स्कूल में आ घुसे। 

उन्होंने जैन साहब की झाडुओं से पिटाई शुरू कर दी। इतना पीटा कि मास्टरजी का सर फूट गया। बचने के लिए जैन साहब जब स्कूल से बाहर निकले तो पब्लिक ने घेर लिया। बढ़िया स्वागत सत्कार के बाद शिक्षक महोदय को पुलिस के हवाले कर दिया। 

पुलिस ने शिक्षक के खिलाफ छेड़छाड़ एवं अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर जनाब को हवालात में डाल दिया है।



इंटेलीजेंट बेटी के पिता हैं अशोक जैन


इस मामले के आरोपी शिक्षक अशोक जैन की बेटी अपने स्कूल की सबसे इंटेलीजेंट स्टूडेंट थी और उसने 10वीं कक्षा में टॉप किया था। उस दौरान पूरे शहर ने शिक्षक अशोक जैन को बड़े सम्मान भरी नजरों से देखा था। जिसकी बेटी टॉपर हो, जो जाति से जैन हो और पेशे से शिक्षक निश्चित रूप से उसका सम्मान किया ही जाना चाहिए था, परंतु एक अश्लील हरकत ने न केवल अशोक जैन ​बल्कि उसके पूरे परिवार और समाज को शर्मसार कर दिया।


क्या जैन समाज करेगा बहिष्कार


इस कलयुग में भी संतों की चरणवंदना कर संस्कारों को जीवित रखने वाला जैन समाज क्या समाज पर लगे ऐसे कलंक का बहिष्कार करेगा। यह बड़ा सवाल है। यदि समाज की समितियां ऐसे कठोर कदम उठाने लगें तो निश्चित रूप से अगले किसी भी व्यक्ति को ऐसी हरकतें करने की जरूरत ही नहीं पढ़ेगी, न कोई दामिनी रेपिस्ट की शिकार होगी और न ही इंडिया गेट पर प्रदर्शन करना पड़ेंगे। देखते हैं अपने एक संत पर हमला होने के बाद देश भर में प्रदर्शन कर रहे जैन समाज का इस मामले पर क्या प्रतिक्रिया आती है।



ऐसे लोगों को बहिष्कृत किया जाना चाहिए: हृदय मोहन जैन


विदिशा में जैन समाज के पूर्व अध्यक्ष श्री हृदय मोहन जैन ने भोपालसमाचार.कॉम से बातचीत करते हुए कहा कि जैन समाज अपने लोगों को संयम की शिक्षा देता है, ब्रहृचर्य का पालन करने की प्रेरणा देता है और इसीलिए इस समाज के लोग इस तरह की अश्लील गतिविधियों में संलिप्त नहीं पाए जाते। यदि कहीं ऐसा कोई मामला होता है तो ऐसे व्यक्तियों को समाज से बहिष्कृत पहले भी किया गया है और मेरी व्यक्तिगत राय है कि उन्हें बहिष्कृत किया जाना चाहिए।



अशोक जैन का बहिष्कार करेंगे: चौधरी प्रकाश सर्राफ 


विदिशा में जैन समाज के अध्यक्ष चौधरी प्रकाश सर्राफ ने भोपालसमाचार.कॉम से बातचीत करते हुए कहा कि ऐसे लोग जो समाज में अश्लीलता फैलाते हैं, महिलाओं के प्रति अपराध करते हैं, वो किसी समाज का हिस्सा नहीं होते। वो तो केवल अपराधी होते हैं। श्री अशोक जैन का मामला आपने ध्यान में लाया है। हम इसका पता करवाते हैं और यदि अशोक जैन ने ऐसा दुष्कृत्य किया है तो हम उनका बहिष्कार करेंगे।

चौधरी सर्राफ ने दोहराया कि समाज में महिलाओं के प्रति अपराध करने वालों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए। उनके प्रति किसी भी प्रकार का रहम नहीं किया जाना चाहिए। अश्लीलता के खिलाफ अभियान में सभी को शामिल होना चाहिए।

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