पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कहा: जो चाहिए वो लो, लेकिन सड़कें ठीक करो

भोपाल। अंतत: मध्यप्रदेश की बदहाल सड़कों के मामले में सरकार जाग ही गई। लोक निर्माण मंत्री नागेन्द्र सिंह ने आज कहा है कि प्रदेश में कम से कम शहरी क्षेत्रों की सड़कें ठीक रखो। इसके लिए एक्स्ट्रा बजट चाहिए तो वो भी मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जो ठेकेदार ठीक काम नहीं कर रहे उनके खिलाफ कार्रवाई करो। 

श्री सिंह आज लोक निर्माण विभाग के राजधानी परिक्षेत्र और सेतु परिक्षेत्र की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के प्रबंध संचालक विवेक अग्रवाल और प्रमुख अभियंता अखिलेश अग्रवाल सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

श्री सिंह ने निर्देश दिए कि स्थानीय विधायक की प्राथमिकताओं वाली सड़क को भी दुरूस्त रखे। उन्होंने निर्देश दिए कि आने वाले समय में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सड़कों का मौके पर मुआयना किया जायेगा, जिसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि विभागीय सड़क शत-प्रतिशत मोटरेबल हालत में होनी चाहिए। सड़क पर एक भी गढ्ढा नहीं होना चाहिए और वर्षा काल में भी खराब न हो। उन्होंने कहा अच्छा काम करने वाले इंजीनियर को सम्मानित भी किया जायेगा।

लोक निर्माण मंत्री श्री सिंह ने कहा कि कार्य करने में किसी प्रकार की समस्या आये तो उससे वरिष्ठ अधिकारी को अवगत करवाया जाये। उसे दूर किया जायेगा। श्री सिंह ने निर्देश दिए कि संबंधित चीफ इंजीनियर क्षेत्र की एक-एक सड़क का अध्ययन कर लें और अधीनस्थ इंजीनियर से सतत् सम्पर्क में रहे।

श्री सिंह ने परिक्षेत्र के प्रत्येक जोन के अधिकारियों से पेंच वर्क, रिनेबल, ध्वस्त सड़क आदि की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निर्देश दिए कि स्वीकृत कार्यों में कहीं भी काम बंद न हो। काम न करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये। इंजीनियर क्वालिटी कन्ट्रोल के मापदण्ड अपनाए।

इस वर्ष राजधानी परिक्षेत्र में प्लान मद में स्वीकृत सड़क में 92 कार्य हैं, जिसकी लम्बाई 801.35 किलोमीटर है। इन कार्य में से 50 कार्य प्रगति पर है। कार्यों पर 9 अरब 70 करोड़ 94 लाख रुपये व्यय किया गया है। पेच रिपेयर में परिक्षेत्र की 732 किलोमीटर सड़क सुधारी गई है और ठेकेदार द्वारा किए जाने वाले पेच रिपेयर में 738 किलोमीटर सड़क सुधार दी गई है। नवीनीकरण कार्य में 676.56 किलोमीटर सड़क पर 40 अरब 28 करोड़ 83 लाख की राशि व्यय की गई है।

मंत्री श्री सिंह ने सेतु परिक्षेत्र की समीक्षा में कहा कि सेतु निर्माण का कार्य दोगुनी गति से किया जाये। सेतु निर्माण सामग्री में क्वालिटी के मानक चेक कर अपनाएँ। साथ ही साइट पर लेबोरेटरी हो। उन्होंने साइट पर वर्क प्लान के साथ वर्क चार्ट होने पर भी जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि ब्रिज को संधारित करने वाले छोटे कार्य भी पूर्ण कर लिए जाये।

बैठक में बताया गया कि दिसम्बर 2012 की स्थिति में बजट में शामिल पुल और आर.ओ.बी./आर.यू.बी. कार्य 182 है। इसके लिए 1003.4 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति है। दिसम्बर तक 549 करोड़ के कार्य करवाए जा चुके हैं।

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