भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद कांतिलाल भूरिया ने कल नीमच जिले की सिंगोली तहसील के प्रेमपुरा गांव में वन कर्मियों द्वारा 42 वर्षीय आदिवासी कृषक मांगीलाल की जघन्य हत्या की निंदा करते हुए हत्या के आरोपी वन कर्मियों को हत्या के जुर्म में तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि वन कर्मियों ने विगत 16 जनवरी को मांगीलाल की बेरहमी से पिटाई की थी। इस पिटाई के फलस्वरूप कल सोमवार को उदयपुर (राजस्थान) के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। आदिवासी का दोष इतना ही था कि उसके खेत पर वन कर्मियों द्वारा बनाये जा रहे खंभे का उसने विरोध किया था।
श्री भूरिया ने घटना का ब्यौरा देते हुए कहा है कि आदिवासी किसान मांगीलाल के खाते की जमीन वन सीमा से लगी हुई है। विगत 16 जनवरी को खेत की जमीन पर वन विभाग के कर्मचारी पिलर बनवा रहे थे। मांगीलाल ने इसका विरोध किया। इस पर उसे वन कर्मी ताल गांव स्थित वन चौकी ले गए। वहां उसे लाठियों से पीटा गया।
घटना के दौरान मांगीलाल की पत्नी भी मौजूद थी। परिवार ने घायल मांगीलाल का सिंगोली के चिकित्सालय में उपचार कराया, परंतु उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ। कल सोमवार को गंभीर हालत में उसे नीमच के जिला चिकित्सालय लाया गया। यहां चिकित्सकों ने उसकी स्थिति गंभीर बताई। कांगे्रस नेताओं की मदद से कुछ ग्रामीणों के साथ रेडक्रास की एंबुलेंस से उसे उदयपुर (राजस्थान) ले जाया गया। वहां शासकीय महाराणा भूपालसिंह चिकित्सालय में सोमवार की शाम उसकी मौत हो गई।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि इस मामले में पीडित की पत्नी ने दो दिन पूर्व सिंगोली थाने में आवेदन दिया था। इसमें वन कर्मी वीरेंद्रसिंह, पांडे नामक अन्य व्यक्ति और एक अज्ञात के द्वारा मारपीट करने की बात लिखी थी। बाद में पुलिस कर्मियों ने जिला चिकित्सालय नीमच में पीडित की पत्नी दोलीबाई के बयान लिए और तीनों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया।
उनहोंने कहा कि जिला चिकित्सालय नीमच में मांगीलाल चूंकि घायल अवस्था में भर्ती था, इसलिए वहां लिये गए बयान अब अप्रासंगिक हो चुके हैं, इसलिए पुलिस को मृतक की पत्नी और अन्य गवाहों के पुनः बयान लेकर वनकर्मियों और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज होना चाहिए। प्रकरण में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) कानून की धाराएं भी लगाई जाना चाहिए, जिससे कि मृतक परिवार को इस कानून से संबंधित राहत योजना का लाभ भी मिल सके।
श्री भूरिया ने पीडित परिवार को दस लाख रूपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत करने की मांग भी की है।