भोपाल। पृथ्वीपुर विधायक की भतीजी कृतिका जो अपनी घोषित मृत्यु के 33 घंटे बाद जीवित हो उठी थी, अंतत: ज्यादा समय तक साथ नहीं रही और एक बार फिर आखें नम करके कृतिका इस दुनिया को अलविदा कह गई।
पिछले तीन महीने से ब्रेन ट्यूमर से जूझ रही कृतिका राठौर का इलाज दिल्ली के बत्रा हॉस्पिटल में चल रहा था। उसे जल्द से जल्द तंदरुस्त होकर अमेरिका अपनी पढ़ाई पूरी करने जाना था, लेकिन बत्रा हॉस्पिटल में पिछले दिनों वो कौमा में चली गई। बाद में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पूरे टीकमगढ़ में शोक की लहर थी। एक प्रतिभावान छात्रा अब इस दुनिया में नहीं थी।
लेकिन परिवार में कोई था जो उम्मीद टूटने के बाद भी जूझ रहा था। जब मेडीकल साइंस हार गया तो हिमालय से एक प्रख्यात आयुर्वेदाचार्य को लाया गया और उनके द्वारा मृत शरीर में पहुंचाई गईं दवाओं के प्रभाव के चलते मृत्यु के 33 घंटे बाद अचानक वो वापस जीवित हो उठी थी। जब कृतिका ने वापस इस दुनिया में आखें खोलीं तो अकेला टीकमगढ़ ही नहीं बल्कि पूरा मध्यप्रदेश खुश था। एक टेलेंटेड स्टूडेंट मौत के मुंह से वापस आ गई थी।
इस बार उसे झांसी में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों का कहना था कि वो तेजी से रिकवर कर रही है, लेकिन एक बार फिर मेडीकल साइंस की उपचार प्रक्रिया में शामिल हुई कृतिका राठौर ज्यादा देर तक जीवित नहीं रह पाई। वो सबकी आखें नम कर गई।
मौत के 33 घंटे बाद कैसे जी उठी थी कृतिका पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक करें
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