आयुर्वेद का चमत्कार: 33 घंटे बाद जिंदा हो उठी विधायक की भतीजी

भोपाल। एक बार फिर आयुर्वेद ने मेडीकल साइंस को चारों खाने चित्त कर दिया। मध्यप्रदेश के जिस विधायक की भतीजी को अमेरिका और दिल्ली के डॉक्टरों ने डेड अनाउंस कर दिया था, हिमालय से आए एक आयुर्वेद विशेषज्ञ ने उसे वापस जिंदा कर दिया। इतना ही नहीं अब वो तेजी से रिकवर भी कर रही है। 

मामला मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले की विधानसभा पृथ्वीपुर के विधायक ब्रजेन्द्र सिंह राठौर से जुड़ा हुआ है। विधायक ब्रजेन्द्र के भाई कृष्णपाल सिंह राठौर की 23 वर्षीय बेटी कृतिका राठौर हायर एज्यूकेशन के लिए अमेरिका जाने वाली थी। करीब 6 महीने पहले उसका मेडीकल चैकअप भी हुआ था जिसमें सबकुछ ठीक बताया गया था, लेकिन तीन महीने पूर्व अचानक उसके सिर में दर्द हुआ और जब उसे डॉक्टर को दिखाया गया तो उन्होंने बताया कि कृतिका को तो ब्रेन ट्यूमर है। 

तत्काल उसे दिल्ली के बत्रा हॉस्पिटल ले जाया गया। यहां दिल्ली एवं अमेरिका के कई स्पेशलिस्ट उसके इलाज में जुटे। तीन बार आपरेशन किया गया। इस दौरान वो कोमा में चली गई, लेकिन मेडीकल साइंस उसे ठीक नहीं कर पाया। 

भारत में लोग आयुर्वेद की ओर तभी जाते हैं जब मेडीकल साइंस फेल हो जाता है। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ। जब मेडीकल साइंस कुछ नहीं कर पाया तो ब्रजेन्द्र सिंह के परिवार को पता चला कि हिमालय क्षेत्र में काठमांडू नेपाल के एक प्रसिद्ध वैद्य जोशी जी हैं जो ऐसे क्रिटिकल मामलों के विशेषज्ञ हैं। परिजन उनके पास गए। 

इधर बत्रा हॉस्पिटल में कृतिका को मृत घोषित कर दिया गया। परिजन आयुर्वेद विशेषज्ञ को विशेष विमान से दिल्ली लेकर आए। यहां उन्होंने कृतिका की नब्ज देखी और कुछ जड़ी बूटियों से उपचार किया। उन्होंने बताया कि करीब 6 घंटे बाद कृतिका वापस जीवित हो जाएगी। परिजनों ने वहीं हॉस्पिटल में ही 6 घंटे तक वेट किया, लेकिन कृतिका के शरीर में कोई हलचल नहीं हुई। 

अंतत: निराश राठौर परिवार कृतिका के शव को लेकर टीकमगढ़ के लिए रवाना हो गया। टीकमगढ़ में भी कृतिका के अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू हो गईं। सभी दुखी थे और कृतिका का शव झांसी उत्तरप्रदेश के नजदीक तक आ चुका था कि तभी कृतिका के शव में कंपन शुरू हुआ। 

उसे तत्काल झांसी के थ्री जी हॉस्पिटल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने बताया कि कृतिका की पल्स चल रही है। वो जीवित है। कृतिका की असमय मृत्यु के शोक में जमा हुए तमाम परिजन खुशी से झूम उठे। झांसी के डॉक्टर्स का कहना है कि कृतिका की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है। वो वापस जिंदा हो उठी है और शीघ्र ही पूरी तरह से स्वस्थ हो जाने की उम्मीद है। 

लव्वोलुआब यह कि एक बार फिर आर्युवेद ने मेडीकल साइंस को चारों खाने चित्त कर दिया और साबित कर दिया कि भारत की रसाईयों तक मौजूद आयुर्वेद से बेहतर इलाज की कोई पद्धति हो ही नहीं सकती। जहां मेडीकल साइंस खत्म हो जाता है वहां नली द्वारा डेडबॉडी में भेजी गईं आयुर्वेदिक दवाएं न केवल काम करतीं है, बल्कि तीन महीने से क्रिटिकल पोजीशन में चल रहे मरीज को तेजी से स्वस्थ भी करने लग जातीं हैं। 
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