भोपाल। कपास की बढ़ती फसल और दक्षिण भारत की मिलों के सामने बिजली संकट के चलते पश्चिमी भारत में प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। अब इस दौड़ में मध्य प्रदेश भी शामिल हो गया है। महाराष्ट्र और गुजरात सरकार का अनुसरण करते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने भी कपड़ा उद्योग के लिए विभिन्न प्रोत्साहनों की घोषणा की है, जिन्हें अब अंतिम रूप दिया जा रहा है।
जहां महाराष्ट्र और गुजरात ने प्रोत्साहनों की घोषणा देश के अन्य हिस्सों विशेष रूप से दक्षिण और उत्तर भारत से मिलों को आकर्षित करने के लिए की है, वहीं मध्य प्रदेश ने ये घोषणाएं इसलिए की हैं कि राज्य की मिलें बाहर न जाएं। साथ ही यह बाहरी राज्यों के निवेशकों को रिझाने की कोशिश भी है।
यह नीति अगले महीने तक जारी होने की संभावना है। उद्योग विभाग में तैनात एक स्रोत ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, 'इस संबंध में विचार-विमर्श चल रहा है। कपड़ा उद्योग गुजरात और महाराष्ट्र के समान प्रोत्साहन चाहता है। राज्य का औद्योगिक विभाग इस संबंध में जल्द ही वित्त विभाग से चर्चा करेगा, क्योंकि हाल में इंदौर में हुए 'वैश्विक निवेशक सम्मेलन' में मुख्यमंत्री इसकी पहले ही घोषणा कर चुके हैं।
'कपड़ा मिलों को 1 करोड़ रुपये तक के पात्र पूंजी निवेश पर 10 फीसदी निवेश सब्सिडी दी जाएगी। मध्य प्रदेश सरकार के एक नोट के मुताबिक वर्तमान में राज्य में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, रेमंड, और वर्धमान टेक्सटाइल्स प्रमुख निवेशक हैं। इस समय राज्य में 1,200 से ज्यादा इकाइयां और एक परिधान डिजाइनिंग केंद्र है।
हालांकि प्रोत्साहनों का खुलासा राज्य सरकार पहले ही कर चुकी है, लेकिन उद्योग ने और अधिक प्रोत्साहनों की मांग की है। इन पर राज्य सरकार विचार कर रही है। अंतिम निर्णय पर पहुंचने के बाद प्रोत्साहनों की अधिसूचना जारी की जाएगी। सूत्र ने कहा कि कपड़ा क्षेत्र सकल वैट (मूल्य संवर्धित कर) पर रिफंड चाहता है। इसका मतलब है कि उद्योग इकाइयों द्वारा मध्यवर्ती उत्पादों और कच्चे माल की खरीद पर चुकाए जाने वाले वैट की वापसी (रिफंड) चाहता है।
वैट अधिनियम 2003 के तहत गुजरात सरकार कपास से लेकर परिधान तक की पूरी कीमत शृंखला में अंतिम उत्पादों/मध्यवर्ती उत्पादों से संग्रहित कर पर 100 फीसदी तक की छूट देती है। वहींं उद्योग बिना किसी सीमा के पूंजी निवेश पर ब्याज सब्सिडी चाहता है। वर्तमान में राज्य 5 करोड़ तक के निवेश पर पांच साल की अवधि के लिए 2 फीसदी सब्सिडी देता है।
सूत्रों ने कहा, 'उद्योग ने बिना किसी निवेश सीमा के इसे 5 फीसदी करने की मांग की है।' सूत्रों ने कहा कि कपड़ा इकाइयों ने 10 करोड़ रुपये की अधिकतम सीमा सहित सामान्य बुनियादी सुविधाओं की स्थापना पर 50 फीसदी वित्तीय सहायता देने की मांग की है। सूत्रों ने कहा, 'इस सुविधा की पेशकश गुजरात की कपड़ा नीति में फिर से की गई है।'
मध्य प्रदेश 1 करोड़ रुपये तक के निवेश पर 10 फीसदी निवेश अनुदान देता है। यह 100 करोड़ रुपये का निवेश पर प्रवेश कर में सात वर्षों के लिए छूट देता है। राज्य ने परिधान प्रशिक्षण केंद्र खोलने के लिए अधिकतम 25 लाख रुपये पर 25 फीसदी अनुदान देने पर प्रतिबद्धता जताई है। महाराष्ट्र कपड़ा मिलों को 12.5 फीसदी ब्याज सब्सिडी देता है। यह कपास उत्पादक क्षेत्रों जैसे विदर्भ, मराठवाड़ा और खानदेश को 10 फीसदी पूंजी सब्सिडी देता है।
दूसरी ओर गुजरात उन मिलों को 7 फीसदी ब्याद सब्सिडी देता है, जो राज्य में अपनी इकाई लगाना चाहती हैं। यह नई कपड़ा और रेडीमेड गारमेंट्स इकाइयों और विस्तार करने वाली इकाइयों को मूल्य संवर्धित कर भी रिफंड ककरता है। गुजरात कताई और बुनाई इकाइयों को बिजली दरों में रियायत देता है।