SCINDIA 2 दिन भी नहीं टिक पाए, हार मान ली, संसद में बयान के बाद मंत्रालय का नोटिफिकेशन पढ़िए

नई दिल्ली, 3 दिसंबर 2025
: केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को संचार साथी ऐप को लेकर उठे विवाद के बाद विपक्षों के सामने घुटने टेकने पड़े। पिछले दो दिनों से लगातार इस cybersecurity app के फायदों पर जोर देते हुए सिंधिया ने लोकसभा में भी इसकी उपयोगिता और निष्पक्षता के बारे में मजबूत दावा पेश किया था परंतु बाद में मंत्रालय की ओर से सूचना आई कि, अब यह mandatory नहीं रहेगा। पॉलिटिकल एंगल से यह सिंधिया की हार है। मंत्रालय के नोटिफिकेशन ने जनता में संदेश दिया है कि प्रियंका गांधी और कांग्रेस के दूसरे नेताओं ने जो आरोप लगाए थे, उनमें कोई ना कोई दम तो थी।

सिंधिया ने संचार साथी के समर्थन में हर आखिरी कोशिश की थी

कांग्रेस पार्टी की ओर से इसे 'जासूसी टूल' बताने के आरोपों के बाद DoT ने pre-installation की बाध्यता हटा दी। सिंधिया ने बुधवार को सदन में कहा, यह cyber frauds से बचाव के लिए डिजाइन किया गया है, न कि surveillance के लिए। उन्होंने यह भी कहा था कि यूजर जब तक रजिस्ट्रेशन नहीं करेगा तब तक उसकी डिवाइस में परी इंस्टॉल मोबाइल एप्लीकेशन एक्टिव नहीं होगी। यूजर चाहे तो इसको डिलीट भी कर सकता है। विपक्ष के सवालों पर मंत्री ने confidence जताई कि app में कोई privacy breach नहीं होगा और सरकार changes करने को तैयार है। यह कदम opposition के backlash के बाद आया है, जहां राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने इसे 'Big Brother' जैसा बताया था।
सिंधिया ने संचार साथी मोबाइल एप्लीकेशन को 'telecom sector की नई ताकत' कहा था, लेकिन विवाद के दूसरे दिन ही उनके मंत्रालय ने प्रेस को बताया है कि, सरकार ने संचार साथी ऐप की प्री-इंस्टॉलेशन अनिवार्यता हटा दी है। समीक्षा के दौरान मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि पहले order में app को delete या disable न करने की शर्त थी। 

इससे संबंधित अन्य खबरें:

- Times of India: Government takes U-turn, removes mandatory pre-installation amid privacy concerns.
- Hindustan Times: DoT revokes order, app now optional for wider access.
- NDTV: Centre rolls back directive following opposition criticism.
- India Today: Scindia clarifies in LS, no snooping via Sanchar Saathi.
- New Indian Express: Minister assures changes if needed, acceptance key factor.
- LiveMint: Pre-install dropped over increasing user base.
- The Wire: Questions remain on app deletion, Scindia's statements analyzed.
- Indian Express: Explained - Key concerns around optional status.
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