MP ओबीसी आरक्षण: सुप्रीम कोर्ट में आज की कार्यवाही का विवरण

नई दिल्ली, 3 दिसंबर 2025
: मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे विवादास्पद मामले में आज कोई ठोस प्रगति नहीं हो सकी। कोर्ट में सुनवाई के लिए मामले लिस्टेड थे, लेकिन राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त समय की मांग के बाद जस्टिस ने कड़ा रुख अपनाते हुए प्रकरण को कल, 4 दिसंबर के लिए पुनः सूचीबद्ध कर दिया। 

यह मामला, जो 2019 से लंबित है, ओबीसी समुदाय के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में बेहतर प्रतिनिधित्व की मांग पर केंद्रित है, लेकिन 50 प्रतिशत की संवैधानिक सीमा के उल्लंघन के आरोपों से जूझ रहा है। वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि आज कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि सभी पक्ष तैयार रहें, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार के वकीलों ने दस्तावेजों की तैयारी पूरी न होने का हवाला देकर समय मांगा। ठाकुर ने कहा, "यह देरी ओबीसी अभ्यर्थियों के लिए निराशाजनक है, क्योंकि बैकलॉग सीटों पर नियुक्तियां रुकी हुई हैं।" राज्य सरकार का तर्क है कि ओबीसी की आबादी 50 प्रतिशत से अधिक होने के बावजूद उनका प्रतिनिधित्व नगण्य है, जबकि विपक्षी पक्ष 50 प्रतिशत कैप को सख्ती से लागू करने की वकालत कर रहे हैं।

यह मामला सितंबर 2024 में हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर हुआ था, जहां करीब 70 याचिकाएं लंबित हैं। कोर्ट ने पहले ही असाधारण परिस्थितियों में छूट की संभावना जताई है, लेकिन ठोस डेटा और रिपोर्ट्स की मांग की है। राजनीतिक रूप से, भाजपा सरकार इसे अपनी प्राथमिकता बता रही है, जबकि कांग्रेस ने देरी पर सवाल उठाए हैं। यदि कल की सुनवाई में कोई फैसला आया, तो यह मध्य प्रदेश के आगामी भर्ती प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकता है।

फ्लैशबैक:

- 19 नवंबर 2025: सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण की सुनवाई फिर लटकी, सरकार ने 65 में से केवल 29 केस ही लिस्ट कराए; ओबीसी पक्ष ने छत्तीसगढ़ मामलों से अलग करने की मांग की, लेकिन कोई सहमति नहीं बनी। (स्रोत: भोपाल समाचार)
- 9 अक्टूबर 2025: 27 प्रतिशत आरक्षण पर सुनवाई टलने के बाद कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने मोहन यादव सरकार पर निशाना साधा, कहा कि सरकार फैसले को सुलझाना ही नहीं चाहती; सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने समय मांगा। (स्रोत: ईटीवी भारत)
- 2 अक्टूबर 2025: सोशल मीडिया पर वायरल दस्तावेज से सरकार घिरी, ओबीसी आरक्षण घोषणा पर सवाल; कोर्ट में 8 अक्टूबर से नियमित सुनवाई की उम्मीद। (स्रोत: आज तक)
- 27 अगस्त 2025: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को 27 प्रतिशत आरक्षण से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई रोक दी; 52 पिटिशन ट्रांसफर, सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। (स्रोत: न्यूज18 हिंदी)
- 25 जून 2025: कोर्ट ने राज्य सरकार के रुख पर नाराजगी जताई, कहा कि 2019 का 27 प्रतिशत कानून पर कोई स्टे नहीं है फिर भी लागू क्यों नहीं; ओबीसी उम्मीदियों ने तत्काल राहत की याचिका दायर की। (स्रोत: पत्रिका)
- 7 फरवरी 2025: कोर्ट ने 22 मामलों में हाईकोर्ट की सुनवाई पर स्टे लगाया, अब सब सुप्रीम कोर्ट में; 27 प्रतिशत आरक्षण लागू होने में फिर देरी। (स्रोत: ईटीवी भारत)
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