रीवा, 8 दिसंबर 2025: रीवा के सम्मानित नागरिक एवं आरपीएफ जवान स्वर्गीय पीके मिश्रा का अंतिम संस्कार के बाद अस्थिसंचय भी हो गया लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस ने अब तक नहीं बताया है कि, लदेर ने मिश्रा की हत्या क्यों की? जबकि आरोपी आरक्षक केएस लदेर घटनास्थल से ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
REWA वाले आरपीएफ जवान पीके मिश्रा को गार्ड ऑफ ऑनर
स्वर्गीय पीके मिश्रा छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में पदस्थ थे। RPF POST पर ड्यूटी के दौरान उनके साथी आरक्षक केएस लदेर ने अचानक गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड भी हुई है। इस घटना ने ने स्वर्गीय मिश्रा के पूरे परिवार को शून्य पर लाकर खड़ा कर दिया है। पोस्टमॉर्टम के बाद 4 दिसंबर गुरुवार शाम पार्थिव शरीर जब रायगढ़ से रीवा पहुंचा। 5 दिसंबर शुक्रवार सुबह आरपीएफ जवान पीके मिश्रा को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। 19 वर्षीय बेटे दीप ने कांपते हाथों से पिता को मुखाग्नि दी। पत्नी शशिकला बेसुध रहीं, जबकि 15 साल की बेटी दीपिका लगातार रोती रही।
मिश्रा, लदेर को ‘मितान’ यानी सच्चा दोस्त कहते थे
मिश्रा और लदेर दोनों 2002 बैच के आरक्षक थे। ट्रेनिंग और शुरुआती पोस्टिंग से दोनों की दोस्ती गहरी थी। मिश्रा, लदेर को ‘मितान’ यानी सच्चा दोस्त कहते थे। करीब साढ़े चार साल से दोनों रायगढ़ में साथ तैनात थे। फरवरी 2026 में दोनों का ट्रांसफर होना था, लेकिन उससे पहले ही दोस्ती खून में बदल गई।
हत्या का कारण स्पष्ट होना जरूरी है
छत्तीसगढ़ पुलिस का कहना है कि दोनों के बीच कोई मामूली विवाद हुआ और लदेर ने मिश्रा को गोली मार दी। टोटल चार राउंड फायर किए जिनमें से तीन गोलियां सर के आर पार हो गई। यहां ध्यान देना जरूरी है कि, न्यायालय में हत्या का कारण स्पष्ट होना बहुत जरूरी होता है। इस मामले में पुलिस जानबूझकर हत्या के कारण का खुलासा नहीं कर रही है। वरना क्या कारण है आरोपी इतने दिनों से पुलिस की गिरफ्त में है और अब तक पुलिस में यह स्पष्ट नहीं किया है कि दोनों के बीच में क्या विवाद हुआ था।
लदेर शातिर है पिछली बार भी छूट गया था
जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी आरक्षक केएस लदेर पुराना शातिर बदमाश है। 2019 में बिलासपुर में उसने अपने पोस्ट प्रभारी को तलवार से धमकाया था। इस मामले में वह गिरफ्तार होकर करीब दो साल जेल में रहा और सस्पेंड भी हुआ। बाद में बहाल हो गया। बहाली के बाद उसे रायगढ़ पोस्टिंग मिली थी।
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