भोपाल, 12 दिसंबर 2025: मध्य प्रदेश यानी नदियों का मायका, मध्य प्रदेश यानी फॉरेस्ट, मध्य प्रदेश यानी वाइल्डलाइफ, मध्य प्रदेश यानी नेचर और मध्य प्रदेश यानी धार्मिक पर्यटन लेकिन मध्य प्रदेश का पर्यटन विभाग दुनिया भर के पर्यटकों को मध्य प्रदेश में इसलिए बुला रहा है क्योंकि सूरज डूबने के बाद यहां दो घुट नशे के मारने पर कुछ अलग ही आनंद आता है। MPT की प्रमोशनल REEL सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। यह सब कुछ उस समय हो रहा है जब मध्य प्रदेश की मोहन सरकार के 2 साल पूरे हुए हैं।
MPT की विवादित REEL सूरज डूबा है यारों.. दो घूंट नशे के मारो.. रस्ते भूला दो सारे घर बार के..
— Bhopal Samachar (@BhopalSamachar) December 12, 2025
लोग बोल रहे हैं: पूरी सरकार नशा माफिया की चंगुल में है
मध्य प्रदेश, जिसे देश का हृदय कहा जाता है, वहां पर्यटन विभाग ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। MP Tourism की ओर से उज्जैन में स्काई डाइविंग को प्रमोट करने के लिए बनाई गई एक रील सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, लेकिन गलत वजह से। रील के बैकग्राउंड में 2015 की फिल्म रॉय का पॉपुलर सॉन्ग 'सूरज डूबा है यारों, दो घूंट नशे के मारो, रस्ते भूला दो सारे घर बार के' चला, जिसकी लाइनें नशे को बढ़ावा देने वाली है। नेटिजन्स ने इसे सरकार की नशाबंदी नीतियों के खिलाफ बताया और तीखा विरोध शुरू हो गया। हाल ही में राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी के भाई अनिल बागरी को नशीले पदार्थों की तस्करी में गिरफ्तार किया गया है। इसी प्रकार की पिछली कुछ घटनाओं को मिलाकर लोग (मुख्य रूप से कांग्रेस पार्टी) पूरी मध्य प्रदेश सरकार को नशा माफिया के जंगल में बता रहे हैं।
यह रील धार्मिक नगरी उज्जैन की खूबसूरत वादियों और एडवेंचर एक्टिविटी को हाइलाइट करने के लिए तैयार की गई थी। स्वाभाविक है कि पब्लिक किए जाने से पहले पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से अप्रूवल लिया गया होगा। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने कमेंट्स की बौछार कर दी- कोई बोला कि सरकार एक तरफ नशे के खिलाफ कैंपेन चला रही है, तो दूसरी तरफ ऐसी रील से प्रचार कैसे? विरोध इतना तेज हुआ कि MP Tourism को बैकफुट पर आना पड़ा। आखिरकार, रील से विवादित गाना हटा दिया गया और उसके स्थान पर सिंपल, इंस्ट्रुमेंटल म्यूजिक लगा दिया गया।
हालांकि, तब तक नुकसान हो चुका था। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ट्वीट कर कहा कि सत्ता का नशा ही सरकार को ऐसी गलतियां करा रहा है। वाकई, मध्य प्रदेश अजब-गजब है- जहां प्राचीन मंदिरों से लेकर मॉडर्न एडवेंचर तक सब कुछ है, लेकिन कभी-कभी छोटी सी भूल बड़ी सुर्खियां बन जाती हैं।
इस घटना ने एक बार फिर सोशल मीडिया कैंपेन की प्लानिंग पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पर्यटन विभाग ने सफाई दी कि यह अनजाने में हुई चूक थी, और अब वे ज्यादा सतर्क रहेंगे। लेकिन सवाल यह भी है कि क्या ऐसी गलतियां पर्यटन को प्रमोट करने के बजाय इमेज को नुकसान नहीं पहुंचा रही?
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