भोपाल, 19 दिसंबर 2025: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में पुलिस अधिकारियों को उन कंटेंट क्रिएटर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, जो फेक या भ्रामक कंटेंट फैलाकर समाज में अफवाहें फैलाते हैं, माहौल खराब करते हैं या किसी विशेष एजेंडे के तहत दबाव बनाते हैं। यह निर्देश 18 दिसंबर 2025 को भोपाल स्थित पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक समीक्षा बैठक के दौरान दिए गए।
बैठक का संदर्भ
भोपाल स्थित पुलिस मुख्यालय में यह बैठक नवंबर 2025 के अंतिम सप्ताह में रायपुर (छत्तीसगढ़) में हुई अखिल भारतीय पुलिस महानिदेशक-महानिरीक्षक सम्मेलन के निर्देशों के क्रियान्वयन को लेकर बुलाई गई थी। रायपुर में आयोजित हुए अखिल भारतीय पुलिस सम्मेलन में सोशल मीडिया की स्थिति को लेकर चिंता जताई गई थी और यूट्यूब सहित सोशल मीडिया पर उपद्रव करने वाले कंटेंट क्रिएटर के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की सहमति बनी थी।
डीजीपी कैलाश मकवाना को ऐसे मामलों में फ्री हैंड दिया है
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुई राज्य स्तरीय बैठक में कानून-व्यवस्था, सोशल मीडिया की भूमिका और पुलिसिंग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया को एक शक्तिशाली उपकरण बताते हुए कहा कि इसका दुरुपयोग अफवाहें, अपराध और गलत सूचनाएं फैलाने में हो रहा है, जिसे सक्रिय रूप से रोकना जरूरी है। सीएम ने पुलिस को पूरी छूट दी है और डीजीपी कैलाश मकवाना को ऐसे मामलों में फ्री हैंड दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे यूट्यूब चैनल या कंटेंट क्रिएटर्स, जिनका उद्देश्य सूचना प्रदान करना नहीं बल्कि जानबूझकर माहौल बिगाड़ना या एजेंडा-आधारित दबाव बनाना है, को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस को तकनीकी रूप से सक्षम होकर भ्रामक या उकसाने वाले कंटेंट के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने को कहा गया है।
उदाहरण का जिक्र: निर्देश देते हुए सीएम ने पूर्व आईपीएस अधिकारी जी. जनार्दन का उदाहरण दिया, जो 2004 में उज्जैन के एसपी थे और उन्होंने एक बड़ी कार्रवाई की थी। सीएम ने कहा कि उसी तर्ज पर निर्भीक और प्रभावी कदम उठाए जाएं।
जी. जनार्दन ने ऐसा क्या किया था
श्री जनार्दन ने भोपाल समाचार को बताया कि, 2004 में सोशल मीडिया नहीं था लेकिन कुछ टैब्लॉइड न्यूज़पेपर सनसनी फैलाने के लिए और किसी विशेष एजेंडा के तहत प्रशासन पर प्रेशर क्रिएट करने के लिए, आधारहीन मामलों का सनसनीखेज हेडलाइंस के साथ प्रकाशन किया करते थे। इसके कारण समाज में असंतोष की स्थिति बन जाती थी। श्री जनार्दन ने ने बताया कि हमने पूरी रिसर्च करके लगभग सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। गिरफ्तार किया और कोर्ट से रिमांड पर लिया। बाद में इनमें से दो लोगों को न्यायालय द्वारा कड़ी सजा सुनाई गई। इस कार्रवाई का असर आसपास के कई इलाकों में हुआ और असंतोष पैदा करने वाले मामलों का प्रकाशन एवं प्रसारण बंद हो गया था।
अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
बैठक में सीएम ने पुलिस से जनता का विश्वास बनाए रखने, अपनी सकारात्मक गतिविधियों को प्रचारित करने, सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा देने और वरिष्ठ अधिकारियों से क्षेत्रों में आकस्मिक निरीक्षण करने को भी कहा। साथ ही, अपराध जांच को मजबूत करने के लिए 14 मोबाइल फोरेंसिक वैन को हरी झंडी दिखाई गई।
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