बड़वानी, 16 दिसंबर 2025: जिले में कक्षा 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं की निकटता के बावजूद शिक्षकों को तीन दिवसीय ऑफलाइन प्रशिक्षण (TS प्रशिक्षण) के लिए बुलाने के आदेश पर शिक्षक संगठनों में नाराज़गी बढ़ती जा रही है। शिक्षकों का कहना है कि निर्वाचन ड्यूटी एवं स्टाफ कमी के कारण पहले से ही विद्यालयों की पढ़ाई प्रभावित है, ऐसे में प्रशिक्षण में शिक्षकों को भेजना बोर्ड परीक्षाओं के लिए खतरा बन सकता है।
राज्य अध्यापक संघ के प्रतिनिधि मनोज मराठे ने बताया कि इस समय बोर्ड कक्षाओं में रिवीजन का महत्वपूर्ण दौर चल रहा है और शिक्षको का विद्यालय छोड़ कर प्रशिक्षण में रहने से छात्रों की तैयारी को बड़ा नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि कई विद्यालयों से एक साथ पूरे प्रदेश के जिलों में प्रत्येक हायरसैकणड्री पी एम श्री से चार–पांच शिक्षकों को प्रशिक्षण में बुलाने से शैक्षणिक कार्य बुरी तरह प्रभावित होता है, और बोर्ड परीक्षाओं के समय रिज़ल्ट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। यह बात उन्होंने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेखित की है।
श्री मराठे ने कहा कि TS के द्वारा आयोजित इस प्रशिक्षण तथा TS के आदेश से विद्यालयों की पढ़ाई बुरी तरह बाधित हो रही है। छात्रों के हित में तथा आगामी बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए इस ऑफलाइन प्रशिक्षण को तत्काल निरस्त कर ऑनलाइन माध्यम में परिवर्तित किए जाने की आवश्यकता है।
इसी क्रम में उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेशभर में जिला स्तर पर चलाए जा रहे ऑफलाइन प्रशिक्षण के स्थान पर तत्काल ऑनलाइन प्रशिक्षण शुरू किया जाए। 15 तारीख से हो रहे इस ऑफलाइन प्रशिक्षण को तुरंत स्थगित कर केवल ऑनलाइन माध्यम से संचालित किए जाने की मांग की गई है।
इसी मांग को लेकर श्री मराठे ने माननीय मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव को विस्तृत पत्र लिखकर स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया है।
शिक्षकों का कहना है कि बार-बार ऑफलाइन प्रशिक्षण कराने से विद्यालयों की व्यवस्था ठप हो जाती है, जबकि यह समय छात्रों को पढ़ाने का है। ऑनलाइन प्रशिक्षण से न केवल समय और ऊर्जा की बचत होगी, बल्कि शासन के डीए, भोजन व चाय-नाश्ते पर होने वाले खर्च में भी कमी आएगी।
श्री मराठे ने कहा की उस बात की भी जानकारी ली जावेगी संघ के माध्यम से की इस तरह के प्रशिक्षण में कितनी धन राशि भोजन आयोजन वास्ते चाय पानी ओर की एक डी ए में खर्च हो रही है ओर आनलाईन प्रशिक्षण से कीतनै धन और समय की बचत ओर विद्यार्थियों को शैक्षणिक लाभ होगा ताकी न्यायालय में तथ्य रखे जा सके की फायदा आफलाइन प्रशिक्षण में ज्यादा है या आनलाईन मे।
राज्य अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री जगदीश यादव ने बताया कि एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही आयुक्त लोक शिक्षण, भोपाल से मुलाक़ात कर इस आदेश को निरस्त करने और ऑनलाइन प्रशिक्षण अनिवार्य करने की मांग करेगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते निर्णय नहीं लिया गया तो शिक्षक संगठन छात्रहित में न्यायालय की शरण भी ले सकते हैं।
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