Madhya Pradesh: सर्दी का रास्ता ही बदल गया, पांच जिलों की फसल खतरे में

भोपाल, 12 दिसंबर 2025
: आजकल मध्य प्रदेश के खेत-खलिहानों में सर्दी का ऐसा कहर ढहा है कि लगता है ठंड ने तो हड्डियां ही चुरा लीं। पारा तो कई जिलों में पांच डिग्री के नीचे लुढ़क गया, भोपाल में तो रात होते ही ठिठुरन बढ़ गई। ग्वालियर-चंबल के इलाके में अभी तक वो कड़ाके वाली सर्दी नहीं आई जो हर साल दिसंबर में दस्तक देती है, लेकिन भोपाल, इंदौर और पूर्वी जिलों में ठंड ने कमर तोड़ दी है। मौसम वाले भैया (मौसम विशेषज्ञ) कहते हैं कि 25 साल बाद सर्दी का रास्ता ही बदल गया है। वो पश्चिमी विक्षोभ जो कश्मीर से आते हैं, इस बार तिब्बत की तरफ मुड़ गए, और उत्तरी हवाएं राजस्थान से सीधे प्रदेश के बीच के हिस्से में घुस आईं। ग्वालियर की तरफ तो मुड़ी ही नहीं।

भोपाल, सीहोर, राजगढ़, इंदौर और शाजापुर मौसम का पूर्वानुमान

किसान भाइयों, ये सर्दी आपके खेतों की रबी फसलों पर क्या कहर बरपाएगी, ये सोचकर ही रूह कांप जाती है। मौसम विभाग ने भोपाल, सीहोर, राजगढ़, इंदौर और शाजापुर के पांच जिलों में शीतलहर का पीला अलर्ट जारी कर दिया है। ऊपर से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है, जिससे भोपाल, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम में हल्की-फुल्की बारिश यानी मावठ गिर सकती है। ये बारिश ठंड को और तेज कर देगी, लेकिन आपके गेहूं, सरसों और चने के पौधों के लिए ये दोहरी मार हो सकती है। भोपाल में तो 84 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया, और इंदौर में 25 साल बाद ऐसी कड़ाके की ठंड पड़ी है।

अब बात करें आपके खेतों की। भाइयों, हाल ही में कृषि विशेषज्ञों और मौसम विभाग की रिपोर्ट्स से पता चला है कि इस कड़ाके की ठंड से रबी फसलों पर खतरा मंडरा रहा है। गेहूं और चने जैसे फसलें तो ठंड से थोड़ी मजबूत होती हैं, लेकिन अगर पारा इतना नीचे गिर जाए तो फ्रॉस्ट यानी पाला पड़ने का डर है, जो पौधों की जड़ें और पत्तियां झुलसा देगा। खासकर वो खेत जहां बुआई देर से हुई, वहां नुकसान ज्यादा हो सकता है। 

सरसों की फसल पर तो ये ठंड फायदेमंद भी हो सकती है, लेकिन एक्सट्रीम कोल्ड से फूल झड़ने का खतरा है। प्याज और अन्य सब्जियों पर तो ड्यू और ठंड का असर सीधा दिखेगा, पैदावार घट सकती है। ICAR वाले भी ला निना के असर की स्टडी कर रहे हैं, जो इस सर्दी को और कठोर बना सकता है। लेकिन अच्छी बात ये है कि रबी सीजन की बुआई अच्छी हुई है, और अगर किसान भाई सही समय पर सिंचाई करें, खेतों पर घास डालकर ढकाव करें, तो नुकसान कम हो सकता है। मौसम विभाग की एडवाइजरी मानें, अलर्ट पर नजर रखें, ताकि आपकी मेहनत रंग लाए।

गांव के लाल, ये सर्दी का तूफान है, लेकिन आपकी हिम्मत से पार पड़ेगा। खेतों में जाकर देख लो, फसलें बता रही हैं कि थोड़ी सी सावधानी से सब संवर जाएगा। जय जवान, जय किसान!
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!