बड़वानी, 17 दिसंबर 2025: बड़वानी शहर की न्यू डीआरपी लाइन में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। यहां तैनात प्रधान आरक्षक मनीष बामनिया (40) की डेड बॉडी सरकारी क्वार्टर में फांसी के फंदे पर लटकी हुई मिली। यह देखकर आसपास के लोग सन्न रह गए और पुलिस को खबर हुई तो पूरे इलाके में सनसटा फैल गई।
मनीष बामनिया धार जिले के रहने वाले थे
मनीष मूल रूप से धार जिले के नर्झली दही के पास के रहने वाले थे। वह काफी समय से बड़वानी में न्यू डीआरपी लाइन के सरकारी क्वार्टर में अकेले रह रहे थे। उनकी पत्नी कुक्षी में स्वास्थ्य विभाग में नर्स की नौकरी करती हैं और कई सालों से वहीं पोस्टेड हैं। परिवार से दूर अकेले रहने की जिंदगी शायद उन्हें भारी पड़ रही थी, लेकिन मृत्यु के पीछे का सही कारण अभी तक सामने नहीं आया है।
बुधवार सुबह मनीष के भाई कमरे पर पहुंचे तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। बार-बार आवाज देने पर भी कोई जवाब नहीं आया। फिर साथ रहने वाले वीर सिंह ने दरवाजा तोड़ा और अंदर का मंजर देखकर सभी के होश उड़ गए। मनीष पंखे से रस्सी के सहारे लटके हुए थे और नीचे एक कुर्सी गिरी पड़ी थी। सब कुछ देखकर लग रहा था कि उन्होंने खुद ही यह कदम उठाया है।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक जगदीश डावर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक धीरज बब्बर खुद मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने पंचनामा किया और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। फिलहाल आत्महत्या की वजह का पता नहीं चल सका है और पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है। परिवार वाले भी सदमे में हैं, कोई कुछ बोल नहीं पा रहा।
मध्य प्रदेश में पुलिसकर्मियों की आत्महत्या के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। कई बार नौकरी का स्ट्रेस, परिवार से दूरी या मानसिक तनाव जैसी वजहें बताई जाती हैं। हाल के महीनों में भी राज्य के अलग-अलग जिलों से ऐसे कई मामले रिपोर्ट हुए हैं, जहां कांस्टेबल या हेड कांस्टेबल ने जिंदगी खत्म कर ली। पुलिस विभाग को चाहिए कि ऐसे मामलों पर ध्यान दे और काउंसलिंग जैसी सुविधाएं बढ़ाए, ताकि कोई और यह गलत रास्ता न चुन ले।
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