भोपाल, 10 दिसंबर 2025: भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं अजाक्स के अध्यक्ष संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मण समाज के प्रति आपत्तिजनक और भड़काऊ बयान देने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। 7 दिन का नोटिस दिया था, 14 दिन हो गए, लेकिन सरकार चुप है। अब वोट बैंक का बहाना बनाकर भाजपा के ब्राह्मण नेताओं को शांत करने की कोशिश की जा रही है।
भाजपा के ब्राह्मण नेताओं ने क्या कहा था
वर्मा का बयान दुर्भाग्यपूर्ण और निंदा जनक है। सरकार उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देने की कोशिश कर रही है।
- कैलाश विजयवर्गीय, कैबिनेट मंत्री
एक उच्च पद पर बैठे अधिकारी से ऐसे विचार न केवल सामाजिक सौहार्द को ठेस पहुंचाते हैं बल्कि प्रशासनिक गरिमा पर भी प्रश्न उठाते हैं।
- राजेंद्र शुक्ल, डिप्टी सीएम
यह सामाजिक समरसता पर सीधा हमला है। सरकार सख्त कार्रवाई करें, अन्यथा सनातनधर्मी अपनी ओर से कार्रवाई करेंगे।
- नरोत्तम मिश्रा, पूर्व मंत्री
मुझे उम्मीद है कि हमारी सरकार और केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय कार्रवाई करेगा। ऐसा नहीं हुआ, तो मैं कोर्ट में निजी परिवाद पेश करूंगा।
- उमाकांत शर्मा, विधायक, बीजेपी
केंद्र सरकार के कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह को पत्र लिखा, जिसमें बयान का जिक्र करते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने इसे "बेटियों का घोर अपमान और जातिवादी बयान" कहा।
- जनार्दन मिश्रा, रीवा सांसद
"संतोष वर्मा IAS अब तक मंत्रालय में क्यों है? ब्राह्मण समाज का नेतृत्व करते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज की।"
पंडित गोपाल भार्गव, पूर्व मंत्री (भाजपा)
कार्रवाई नहीं करने के पीछे क्या दलील दी जा रही है
भाजपा की ओर से अपनी पार्टी के नेताओं को समझाया जा रहा है कि मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति के लिए 35 और अनुसूचित जनजाति के लिए 47 सीट रिजर्व है। इस प्रकार 230 में से 82 सीट इन लोगों के पास है। यदि संतोष वर्मा के खिलाफ कार्रवाई की तो पिछले 20 सालों में इन 82 सीटों पर जितना काम किया है सब खराब हो जाएगा।
इस प्रकार यह नेगेटिव बनाया जा रहा है कि संतोष वर्मा मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग का एकमात्र और सर्व स्वीकार्य नेता है। उसके खिलाफ कार्रवाई करने से भाजपा को 82 सीटों का नुकसान हो जाएगा। अब देखना यह है कि क्या अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के जमीनी नेता, संतोष वर्मा को अपना सर्वमान्य नेता स्वीकार करते हैं?
यहां नोट करना जरूरी है कि संतोष वर्मा के आपत्तिजनक बयान का वीडियो उनकी ही जाति और संगठन के लोगों द्वारा वायरल किया गया है।
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