भोपाल, 21 दिसंबर 2025: करणी सेना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जीवन सिंह शेरपुर ने बताया है कि उनका आंदोलन सफल हो गया है। दोषी अधिकारियों को पुलिस हैडक्वाटर भेजा जा रहा है। मामले की न्यायिक जांच के लिए समिति गठित की गई है जो जांच करने के बाद दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
हमारी एकता के आगे सरकार को झुकना पड़ा: जीवन सिंह शेरपुर
श्री जीवन सिंह शेरपुर ने अपने बयान में कहा कि, हमारी एकता के आगे आज सरकार को झुकना पड़ा, न्याय की जीत हुई है। 12 एवं 13 जुलाई 2025 को हरदा में करणी सेना परिवार एवं सर्व समाज के साथियों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में हमने न्यायिक जाँच एवं दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की माँग उठाई थी। सरकार ने हमारी माँग को स्वीकार करते हुए पत्र के माध्यम से स्पष्ट किया है कि सभी दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है, उन्हें PHQ भेजा जा रहा है तथा न्यायिक जाँच के लिए समिति गठित की गई है, जो जाँच उपरांत दोषी अधिकारियों को निलंबित करेगी। यह जीत हमारी लड़ाई की है, सभी साथियों के संघर्ष की है और सबसे बढ़कर हरदा की सड़कों पर उमड़े जनसैलाब की जीत है।
करणी सेना परिवार के हरदा आंदोलन की टाइमलाइन
करणी सेना परिवार का हरदा (मध्य प्रदेश) में आंदोलन मुख्य रूप से जुलाई 2025 में एक धोखाधड़ी मामले से शुरू हुआ, जिसमें पुलिस की लाठीचार्ज और गिरफ्तारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। यह आंदोलन समय-समय पर तेज हुआ, जिसमें चक्का जाम, बंद और बड़े प्रदर्शन शामिल हैं। नीचे पॉइंट टू पॉइंट विवरण दिया गया है। यह जुलाई 2025 से दिसंबर 2025 तक की घटनाओं को कवर करता है:
जुलाई 2025 की शुरुआत (ट्रिगर घटना): करणी सेना के पदाधिकारी आशीष राजपूत को हीरा खरीदने के बहाने 18 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया। आरोपी विकास लोधी, मोहित वर्मा और उमेश तपनिया के खिलाफ केस दर्ज। पुलिस ने मोहित वर्मा को गिरफ्तार किया।
12 जुलाई 2025 (पहला प्रदर्शन और लाठीचार्ज): हरदा कोर्ट के बाहर करीब 40 करणी सेना कार्यकर्ता जमा हुए और आरोपी मोहित वर्मा को उन्हें सौंपने की मांग की। नारेबाजी के दौरान तनाव बढ़ा, पुलिस ने लाठीचार्ज किया। जिला अध्यक्ष सुनील राजपूत, आशीष राजपूत समेत 4 गिरफ्तार। यह आंदोलन की शुरुआत थी।
13 जुलाई 2025 (बड़ा चक्का जाम और पुलिस एक्शन): लाठीचार्ज और गिरफ्तारियों के विरोध में हरदा में बड़े पैमाने पर चक्का जाम। राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर मौजूद। पुलिस ने आंसू गैस के गोले, वाटर कैनन और फिर लाठीचार्ज किया। 60 लोग गिरफ्तार, जिनमें जीवन सिंह शेरपुर शामिल। प्रदर्शनकारी दुकान में छिपे, पुलिस ने शटर तोड़कर निकाला।
13 जुलाई 2025 (राज्यव्यापी फैलाव): हरदा घटना के विरोध में भोपाल, रतलाम, उज्जैन, आगर मालवा, देवास, बदनावर, आष्टा-शुजालपुर हाईवे, ब्यावरा समेत कई जिलों में चक्का जाम। भोपाल में 11 माइल पर ट्रैफिक जाम, रतलाम में पुलिस से झड़प। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कलेक्टर और एसपी को हटाने की मांग की। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया।
14 जुलाई 2025 (तनाव कम, लेकिन जारी): हरदा में कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध हटे, लेकिन सुरक्षा कड़ी। करणी सेना ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखने की बात कही। सीएम मोहन यादव ने कहा कि सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
19 जुलाई 2025 (हरदा बंद): लाठीचार्ज के विरोध में करणी सेना की कॉल पर हरदा में बंद। दुकानें-बाजार बंद रहे। शांतिपूर्ण जुलूस निकाला, पुलिसकर्मियों के निलंबन की मांग।
15 नवंबर 2025 (भोपाल में प्रदर्शन): लाठीचार्ज में पुलिस की अत्यधिकता के खिलाफ भोपाल में प्रदर्शन। करणी सेना ने सीएम आवास की ओर मार्च किया, पुलिस ने रोका। मांगें पूरी न होने पर 10 दिन का अल्टीमेटम दिया।
16 नवंबर 2025 (धमकी और विरोध): भोपाल को "नेपाल बनाने" (अशांति फैलाने) की धमकी। हरदा कलेक्टर और एसपी के निलंबन की मांग पर अड़े।
20 दिसंबर 2025 (जनक्रांति आंदोलन की तैयारी): नेहरू स्टेडियम में जनक्रांति आंदोलन की घोषणा। सुरक्षा के कड़े इंतजाम, जिले की सीमाओं पर बैरिकेडिंग। हनुमान चालीसा पाठ और झंडा मार्च।
21 दिसंबर 2025 (जनक्रांति आंदोलन): नेहरू स्टेडियम में हजारों (20,000+) की भीड़। 21 सूत्री मांगें (जुडिशियल जांच, केस वापसी, आरक्षण सुधार, किसान मुद्दे, बिजली बिल, महिलाओं की सुरक्षा, गौ रक्षा आदि)। जीवन सिंह शेरपुर ने अनशन शुरू किया। शाम को 7 सदस्यीय टीम ने कलेक्टर से मुलाकात, लाठीचार्ज के आरोपी पुलिसवालों को हटाने और मजिस्ट्रियल जांच का आश्वासन मिला, लेकिन लिखित मांग की गई। मांगें न मानीं तो भोपाल-दिल्ली कूच की धमकी।
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