राजेश जयंत, JHABUA: मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध लोकायुक्त महानिदेशक योगेश देशमुख के सख्त निर्देशों के तहत झाबुआ जिले में आज गुरुवार 11 दिसंबर को बड़ी कार्रवाई की गई।
भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा-7
इंदौर लोकायुक्त इकाई ने झाबुआ कलेक्ट्रेट कार्यालय के प्रथम तल पर ट्रैप करते हुए जनजातीय कार्य विभाग के लेखापाल जामसिंह अमलियार को ₹14,500 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग कार्यालय में उस समय हुई जब आरोपी शिकायत निस्तारण के एवज में आवेदक से अवैध रकम ले रहा था। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा-7 के तहत कार्रवाई जारी है।
क्या हुआ - पूरा घटनाक्रम
आवेदक शांतिलाल वसुनिया, माध्यमिक शिक्षक, शासकीय माध्यमिक विद्यालय अम्बापाडा, संकुल केन्द्र बोलासा, तहसील पेटलावद जिला झाबुआ, के विरुद्ध सहायक आयुक्त कार्यालय ने 29 अक्टूबर 2025 को एक कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया था। आरोप था कि अतिथि शिक्षकों की पदस्थापना में अनियमितता हुई है। शांतिलाल ने 30 अक्टूबर को अपना प्रतिउत्तर प्रस्तुत कर दिया था।
इसी शिकायत को समाप्त कराने के नाम पर विभाग में पदस्थ लेखापाल जामसिंह अमलियार (उम्र 56 वर्ष) ने आवेदक से ₹50,000 की रिश्वत की मांग की थी। इसके बाद शांतिलाल ने यह शिकायत लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक (विपुस्था) राजेश सहाय, लोकायुक्त कार्यालय इंदौर को की।
सत्यापन में आरोप सही पाए गए। इसके बाद आज 11 दिसंबर को ट्रैप दल का गठन किया गया। तय योजना के मुताबिक शांतिलाल पहली किस्त ₹14,500 लेकर पहुंचे, और जैसे ही अमलियार ने रिश्वत की रकम स्वीकार की, लोकायुक्त टीम ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया।
क्या कार्रवाई हुई है?
- लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी से ₹14,500 की रिश्वत राशि बरामद की।
- आरोपी जामसिंह अमलियार को तत्काल हिरासत में लिया गया।
- उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा-7 के तहत FIR दर्ज की गई।
- कार्यालय से संबंधित दस्तावेज, फाइलें और शिकायत रिकॉर्ड भी जांच के दायरे में लिए गए हैं।
प्रतिक्रिया और प्रशासन की तत्परता
घटना के बाद ट्रैप दल और वरिष्ठ लोकायुक्त अधिकारी मौके पर पहुंचे। लोकायुक्त संगठन का कहना है कि विभागीय पद पर बैठे किसी भी व्यक्ति द्वारा रिश्वत मांगने या शिकायत निस्तारण को प्रभावित करने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लोकायुक्त DG के निर्देश पर इंदौर यूनिट लगातार संवेदनशील विभागों में कार्रवाई कर रही है।
ट्रैप दल
- कार्यवाहक निरीक्षक: सचिन पटेरिया
- कार्यवाहक निरीक्षक: रेनू अग्रवाल
- कार्यवाहक प्रआर: विवेक मिश्रा
- आरक्षक: विजय कुमार
- आरक्षक: मनीष माथुर
- आरक्षक: पवन पटोरिया
- आरक्षक: आशीष नायडू
अब आगे क्या ?
- प्रारंभिक पूछताछ और बरामद सामग्री के आधार पर प्रॉसिक्यूशन केस तैयार किया जा रहा है।
- विभागीय स्तर पर भी सस्पेंशन व अन्य कार्रवाई की संभावना।
- शिकायत से जुड़े सभी दस्तावेज और आदेश अब लोकायुक्त की जांच के दायरे में रहेंगे।
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