नई दिल्ली, 13 दिसंबर 2025: भारत में पुलिस वालों के लिए गुड न्यूज़ कम होती है। लेकिन यह न्यूज़ कर्मचारियों को न केवल संतोष देने वाली है बल्कि समाज में सम्मान भी दिलाने वाली है। CAPFs और असम राइफल्स के बाद अब दिल्ली राज्य के पुलिस कर्मचारियों के लिए भी "मानद पद" मंजूर हो गए हैं। स्वाभाविक है कि अब यह भारत के सभी राज्यों की सरकारों द्वारा मंजूर किए जाएंगे।
मानद पद क्या होता है
मानद उपाधि के बारे में तो आप जानते ही होंगे। अक्सर सफल लोगों को मिल जाती है और फिर वह अपने नाम के पहले डॉक्टर लिखने लगते हैं। मानद पद बिल्कुल ऐसा ही है। सरकारी सेवा में कर्मचारी की सफलता के आधार पर मानद पद दिया जाता है। यह तब दिया जाता है जब कर्मचारी रिटायर हो रहा होता है। रिटायरमेंट के ठीक 1 दिन पहले मानद पद के माध्यम से उसको एक रैंक ऊपर कर दिया जाता है। यानी ईमानदारी से काम करने वाला सब इंस्पेक्टर, रिटायरमेंट के एक दिन पहले इंस्पेक्टर हो जाता है और इंस्पेक्टर के पद से रिटायर होता है। यह समाज में व्यक्ति के सम्मान को बढ़ाने का एक तरीका है।
कौन-कौन से पद पर मिलेगा मानद रैंक?
रिटायरमेंट के दिन ये प्रमोशन सिर्फ नाम का होगा लेकिन सम्मान बहुत बड़ा होगा। सब-इंस्पेक्टर मानद इंस्पेक्टर बन जाएंगे। एएसआई मानद सब-इंस्पेक्टर बन जाएंगे। इसी तरह हेड कांस्टेबल को मानद एएसआई की उपाधि मिलेगी। कांस्टेबल मानद हेड कांस्टेबल बन जाएंगे। ये मानद पद सिर्फ रिटायरमेंट वाले दिन दिया जाएगा ताकि जवान गर्व से घर जाएं।
अप्लाई करने की पात्रता क्या है?
अप्लाई करने के लिए कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी। अपने मौजूदा पद पर कम से कम 2 साल की सेवा होनी चाहिए। पिछले 5 सालों में APAR (परफॉर्मेंस रिपोर्ट)अच्छी होनी चाहिए। सेवा के दौरान कोई बड़ी सजा नहीं मिली हो। ये शर्तें पूरी करने वाले ही ये मानद रैंक पाएंगे।
कितने पुलिसवालों को फायदा होगा?
दिल्ली पुलिस में कुल 88,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं और ये फैसला कांस्टेबल से सब-इंस्पेक्टर तक सब पर लागू होगा। मतलब ज्यादातर जवान और लोअर रैंक के अफसरों को रिटायरमेंट पर ये सम्मान मिलेगा। कोई वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा लेकिन इससे समाज में सम्मान बढ़ेगा। मानद उपाधि का समाज में यह मतलब हो जाएगा कि रिटायर होने वाला व्यक्ति ईमानदार था।
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