Do You Know आपके स्मार्टफोन की बैटरी कितनी कमजोर हो चुकी है

आजकल के स्मार्टफोन यूजर्स के लिए सबसे बड़ी मुसीबत 'Battery Anxiety' और बार-बार चार्जिंग आउटलेट्स ढूंढना है। एंड्रॉइड (Android) की दुनिया में एक बड़ी समस्या यह थी कि यूजर्स को पता ही नहीं चलता था कि उनके फोन की बैटरी असल में कितनी पुरानी या कमजोर हो चुकी है। Google ने इस प्रॉब्लम को भी सॉल्व कर दिया है। 

Smartphone Battery Health Tracking

इस प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए गूगल ने एक 'Secret Weapon' निकाला है, जिसे यहाँ आसान शब्दों में समझाया गया है:
1. बैटरी हेल्थ ट्रैकिंग (Battery Health Tracking): अभी तक एंड्रॉइड में आईफोन (iPhone) की तरह बैटरी हेल्थ चेक करने का कोई सीधा तरीका नहीं था। लेकिन अब गूगल ने 'About Phone' मेनू के अंदर एक नया "Battery Information" सेक्शन जोड़ा है।
• सॉल्यूशन: यहाँ यूजर्स को बैटरी की मैन्युफैक्चरिंग डेट और चार्ज साइकल काउंट (Charge Cycle Count) जैसी सटीक जानकारी मिल सकेगी।

2. मैक्सिमम कैपेसिटी का पता चलना (Transparency of Health State): एंड्रॉइड 14 और आने वाले एंड्रॉइड 15 में एक नया पेज "Battery Health State" नाम से छुपा हुआ है।
• सॉल्यूशन: यह फीचर आपकी बैटरी की मैक्सिमम कैपेसिटी (%) दिखाएगा। उदाहरण के लिए, अगर आपकी बैटरी की हेल्थ 80% से नीचे गिर गई है, तो इसका मतलब है कि उसे बदलने का समय आ गया है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, आमतौर पर 800 चार्ज साइकल या दो साल बाद बैटरी अपनी 20% क्षमता खो देती है।

3. चार्जिंग लिमिट और '80% रूल' (The 80% Rule): रात भर फोन को 100% पर चार्ज छोड़ने से बैटरी की उम्र कम होती है क्योंकि इससे 'माइक्रो चार्ज साइकल' शुरू हो जाते हैं।
• सॉल्यूशन: गूगल और कई स्मार्टफोन निर्माता (जैसे OnePlus और Sony) अब ऐसे फीचर्स दे रहे हैं जहाँ आप चार्जिंग को 80% या 90% पर ही रोक सकते हैं। इससे बैटरी पर दबाव (stress) कम पड़ता है और वह 5 साल से ज्यादा समय तक चल सकती है।

Knowledge is power - जानकारी ही शक्ति है

निष्कर्ष: गूगल की इस पारदर्शिता (transparency) से यूजर्स को अब अंधेरे में नहीं रहना पड़ेगा। अब आप अपनी चार्जिंग आदतों को सुधार कर अपने भरोसेमंद डिवाइस की लाइफ एक-दो साल और बढ़ा सकते हैं। सरल शब्दों में कहें तो, जैसे कार का डैशबोर्ड आपको बताता है कि इंजन ऑयल कब बदलना है, वैसे ही गूगल अब आपकी बैटरी का 'रिपोर्ट कार्ड' आपके हाथों में दे रहा है ताकि आप तय कर सकें कि बैटरी बदलनी है या नया फोन लेना है।
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