हरदा (मध्य प्रदेश), 22 दिसंबर 2025: मध्य प्रदेश के हरदा जिले में रविवार (21 दिसंबर 2025) को नेहरू स्टेडियम में एक ऐसा जनआंदोलन देखने को मिला जो सालों से दबी हुई सामान्य वर्ग के गरीबों की पीड़ा को बुलंद आवाज देने में कामयाब रहा। करणी सेना परिवार के नेतृत्व में आयोजित इस जनक्रांति न्याय आंदोलन में हजारों लोग उमड़े, और EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के अधिकारों को सरल बनाने, आरक्षण को 10% से बढ़ाकर 20% करने और आर्थिक आधार पर समान अवसर देने की मांग का समर्थन किया।
लाठीचार्ज से शुरू हुआ आंदोलन अब 21 सूत्रीय हो गया है
यह आंदोलन जुलाई महीने में हुए लाठीचार्ज कांड से शुरू हुआ था, लेकिन अब यह 21 सूत्रीय मांगों का बड़ा प्लेटफॉर्म बन चुका है। करणीसेना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर ने स्टेज से हुंकार भरी कि यह लड़ाई किसी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं, बल्कि नीतिगत बदलाव और सामाजिक न्याय की है। अगर सरकार ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए तो यह आंदोलन भोपाल और दिल्ली तक पहुंचेगा। उन्होंने अनशन भी किया और शाम को जूस पीकर इसे खत्म किया, साथ ही ऐलान किया कि अब राजनीतिक दल बनाकर चुनाव लड़ेंगे ताकि आवाज सीधे विधानसभा और लोकसभा तक पहुंचे।
आंदोलन में नारे गूंजते रहे – “EWS सरलीकरण लागू करो”, “आर्थिक आधार पर आरक्षण दो”, “समान अवसर – समान अधिकार”। लोग बोले कि संविधान ने EWS को 10% आरक्षण दिया, लेकिन ground level पर जटिल नियम, बार-बार सर्टिफिकेट बनवाना, age relaxation की कमी और extra attempts न मिलने से गरीब सामान्य वर्ग के युवा पीछे रह जाते हैं। खासकर शिक्षक भर्ती 2018 में चयनित सैकड़ों EWS कैंडिडेट्स की नियुक्ति आज तक लंबित है, जो administration की लापरवाही का जीता जागता उदाहरण है।
प्रमुख मांगें जो उठीं:
- सभी competitive exams में EWS को 5 साल age relaxation और extra attempts।
- EWS आरक्षण 10% से बढ़ाकर 20% करने पर विचार।
- certificate की validity कम से कम 3 साल।
- backlog/carry forward व्यवस्था लागू।
- शिक्षा, scholarship और राज्य योजनाओं में EWS को पूरा लाभ।
- RTE के तहत private schools में free education।
- local elections में प्रतिनिधित्व।
- हर जिले में EWS hostel।
- promotion में proper reservation।
- और आर्थिक आधार पर overall reservation ताकि हर गरीब को फायदा मिले।
आंदोलन शांतिपूर्ण रहा, भारी पुलिस व्यवस्था के बावजूद कोई हिंसा नहीं हुई। अंत में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें सभी मांगें बिंदुवार लिखी गईं। प्रशासन ने जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया – कुछ पुलिसवालों को suspend भी किया गया और magisterial inquiry के orders हुए।
इसमें युवा, महिलाएं, छात्र, अभिभावक और अलग-अलग संगठनों की भागीदारी देखकर लगा कि यह मुद्दा सिर्फ एक वर्ग का नहीं, बल्कि आने वाली generations का future है। EWS समाज अब आश्वासन नहीं, real action चाहता है। रिपोर्ट: धीरज तिवारी।
EWS NEWS UPDATE:
हाल ही में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने UPSC CSE 2025 के लिए EWS कैंडिडेट्स को interim age relaxation देने का आदेश दिया है, ताकि वे OBC/SC/ST की तरह benefits ले सकें। कई states पहले से EWS को state jobs में age relaxation दे रहे हैं, लेकिन center level पर अभी permanent rule नहीं बना।
यह आंदोलन ऐसे समय में हुआ जब EWS demands nationwide बढ़ रही हैं, और करणी सेना जैसे संगठन इसे broader economic reservation से जोड़कर लड़ रहे हैं। अगर सरकार ने ignore किया तो यह प्रदेशव्यापी हो सकता है।
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