भोपाल, 1 दिसंबर 2025: मध्य प्रदेश में "ललित मोहन बेलवाल" खुलेआम भ्रष्टाचार का जीवित उदाहरण बन गए हैं। इतने अधिक पावरफुल है कि आज विधानसभा में जब उनके बारे में प्रश्न लगा दो पंचायत मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने उत्तर नहीं दिया। जबकि जो प्रश्न लगा है उसका उत्तर सबको पता है।
ललित मोहन बेलवाल: जो बात सबको पता है वह पंचायत मंत्री को नहीं पता
विधायक श्री प्रताप ग्रेवाल ने विधानसभा में पंचायत मंत्री से पूछा कि क्या विभाग के संज्ञान में है कि श्री ललित मोहन बेलवाल के खिलाफ लोकायुक्त में जांच प्रकरण तथा EOW में आपराधिक प्रकरण दर्ज है। सब जानते हैं कि, 500 करोड़ के पोषण आहार घोटाला में श्री ललित मोहन बेलवाल के खिलाफ लोकायुक्त की जांच चल रही है। यह कोई छुपा हुआ मामला नहीं है। लोकायुक्त की ओर से डॉक्यूमेंट जारी किए जा चुके हैं। इसके बाद भी विधानसभा में पंचायत मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने इस प्रश्न का कोई जवाब नहीं दिया। अपनी किताब का विमोचन और तमाम प्रकार की राजनीतिक एवं गैर राजनीतिक परिक्रमाओं में व्यस्त श्री प्रहलाद पटेल ने लिखित में दिया है की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधायक श्री प्रताप ग्रेवाल ने विधानसभा में पंचायत मंत्री से पूछा कि, क्या आजीविका मिशन में संविदा पर आए कर्मचारियों को मुख्य कार्यपालक अधिकारी बनाया जा सकता है? यदि हाँ, तो इस संदर्भ में आदेश परिपत्र की प्रति देवें तथा बतावें की मुख्य कार्यपालिका अधिकारी के वित्तीय अधिकार क्या-क्या है तथा इसके तहत बेलवाल ने संविदा अवधि में क्या-क्या निर्णय लिए सारे निर्णय आदेश की प्रतियां दस्तावेज सहित उपलब्ध करावें।
संविदा पर अधिकारी की नियुक्ति और उसके कार्यकाल को बढ़ाने या न बढ़ाने संबंधी क्या-क्या निर्देश है, उनकी समस्त प्रतिया देवें तथा बतावें कि सुषमा रानी शुक्ला तत्कालीन राज्य परियोजना प्रबंधक के पक्ष में जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश दिनांक 24 अप्रैल 2025 के खिलाफ अगले सक्षम उच्च न्यायालय में अपील क्यों नहीं की गई। क्या विधि विभाग से इस संदर्भ में राय ली गई।
मध्य प्रदेश शासन के पंचायत मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने ललित मोहन बेलवाल से संबंधित किसी भी प्रश्न का उत्तर नहीं दिया। प्रत्येक प्रश्न के उत्तर में होने केवल एक लाइन लिखी है, जानकारी एकत्रित की जा रही है।
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