सेंट्रल न्यूज़ रूम, 30 नवंबर 2025: यह एक सीधी और स्पष्ट चेतावनी है: एंड्रॉयड यूज़र्स पर एक नए और खतरनाक मैलवेयर से हमला हो रहा है, जो एक साधारण WhatsApp मैसेज के ज़रिए आपके फोन में घुसकर आपकी बैंकिंग जानकारी चुरा सकता है। यह न्यूज़ आर्टिकल आपको इस खतरे के बारे में जानने वाली मुख्य बातें और खुद को सुरक्षित रखने के तरीके एक आसान लिस्ट में बताएगा।
1. Two-step move: हैकर्स आपको कैसे फंसाते हैं
हैकर्स का हमला दो चरणों में होता है। पहले चरण में, वे किसी सामान्य ऐप के लिए एक नकली गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) पेज बनाते हैं। यह पेज बिल्कुल असली जैसा दिखता है, जिससे किसी को शक नहीं होता।जैसे ही नंबर डाल बस व्हाट्सएप पर एक ऐप इंस्टॉल करने का लिंक आ जाता है और कहानी का सबसे खतरनाक मोड़ जब आप उस लिंक पर क्लिक करते हैं।
इस जाल में सबसे बड़ी और असामान्य बात यह है कि नकली पेज पर ऐप डाउनलोड करने का कोई लिंक नहीं होता। इसके बजाय, यह यूज़र से उनका फ़ोन नंबर मांगता है और वादा करता है कि ऐप का लिंक उन्हें WhatsApp पर भेजा जाएगा। इसे सिर्फ एक 'रेड फ्लैग' कहना खतरे को बहुत कम आंकना होगा। याद रखें, असली ऐप स्टोर कभी भी इस तरह से काम नहीं करते हैं, क्योंकि उन्हें एक सुरक्षित और आत्मनिर्भर इकोसिस्टम के रूप में डिज़ाइन किया गया है ताकि सॉफ्टवेयर के इस तरह के निजी और असत्यापित आदान-प्रदान को रोका जा सके। अपना फ़ोन नंबर देकर किसी निजी मैसेज पर ऐप का लिंक मंगवाना एक बेहद खतरनाक कदम है।
2. Invisible Thief: "ओवरले अटैक" को समझें
यह मैलवेयर "ओवरले अटैक" नामक तकनीक का उपयोग करता है। इसका मतलब है कि जब आप अपनी असली बैंकिंग या क्रिप्टो वॉलेट ऐप खोलते हैं, तो मैलवेयर उसके ऊपर अपनी एक अदृश्य, नकली स्क्रीन दिखा देता है। आपको लगता है कि आप अपनी असली ऐप में जानकारी डाल रहे हैं, लेकिन असल में आप हैकर की नकली स्क्रीन पर अपना यूज़रनेम और पासवर्ड टाइप कर रहे होते हैं। मैलवेयर तुरंत इन गोपनीय जानकारियों को चुरा लेता है।
"अल्बिरिऑक्स" (Albiriox) नाम का यह मैलवेयर 400 से ज़्यादा अलग-अलग बैंकिंग और क्रिप्टोकरेंसी एप्लिकेशन को निशाना बना सकता है, जिससे यह खतरा बहुत व्यापक हो जाता है। क्या पता इस लिस्ट में आपके बैंक का मोबाइल एप्लीकेशन भी हो।
3. advancing enemy forces: "मैलवेयर-एज़-ए-सर्विस" का खतरा
इस खतरे को और ज़्यादा गंभीर बनाने वाली चीज़ "मैलवेयर-एज़-ए-सर्विस" (MaaS) है। यह एक ऐसा बिजनेस मॉडल है जिसमें साइबर अपराधी मैलवेयर बनाकर उसे दूसरे हैकर्स को भूमिगत फ़ोरम (underground forums) पर बेचते या किराए पर देते हैं। यानी की अपराधी को अब अपना हथियार विकसित करने की जरूरत नहीं है। उसको हथियार किराए पर मिल रहे हैं। जब यह सुविधा मिल रही है तो सोचिए, अपराधियों की संख्या कितनी ज्यादा बढ़ जाएगी।
इसका मतलब है कि यह हमला किसी एक हैकर द्वारा नहीं किया जा रहा है, बल्कि यह एक ऐसा उत्पाद है जो "तेज़ी से विकसित हो रहा है" और जिसे कई अलग-अलग हमलावर इस्तेमाल कर सकते हैं। MaaS मॉडल के कारण, जो सुरक्षा उपाय आज काम कर रहे हैं, वे कल अप्रभावी हो सकते हैं, जो आपकी अपनी सतर्कता को सबसे महत्वपूर्ण बचाव बनाता है। सुरक्षा फर्म क्लीफ़ी (Cleafy) के अनुसार:
यह "मोबाइल बैंकिंग खतरों के चल रहे विकास और बढ़ती जटिलता" पर प्रकाश डालता है।
4. The golden rule: आपका सरल, अटूट बचाव
इससे बचने का नियम बहुत सीधा और स्पष्ट है: अगर आपको किसी अनजान नंबर से WhatsApp पर कोई ऐप इंस्टॉल करने का लिंक मिलता है, तो उस पर क्लिक न करें। उस मैसेज को तुरंत डिलीट कर दें। इस पर कोई दो राय नहीं है।
हमेशा सुरक्षित रहने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप केवल आधिकारिक गूगल प्ले स्टोर से ही एप्लिकेशन इंस्टॉल करें। एक अतिरिक्त सुरक्षा परत के लिए, यह सुनिश्चित करें कि आपके एंड्रॉयड डिवाइस पर गूगल का "प्ले प्रोटेक्ट" (Play Protect) फ़ीचर चालू (enabled) है।
conclusion: सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
याद रखें, अक्सर सबसे खतरनाक और जटिल खतरे भी सरल चालों पर निर्भर करते हैं। इन खतरों के खिलाफ़ आपकी अपनी सतर्कता ही आपका सबसे शक्तिशाली बचाव है।
One last thought: लगातार विकसित हो रहे डिजिटल खतरों की इस दुनिया में, क्या हम सबसे सरल सुरक्षा आदतों पर पर्याप्त ध्यान दे रहे हैं?


