जब हम अपनी छत से देखते हैं तो चंद्रमा दूध की तरह सफेद दिखाई देता है। दुनिया के कई महान वैज्ञानिकों का मानना था कि चंद्रमा के अंदर ऐसा ही कोई तरल पदार्थ है। कुछ कहानियों में बताया है कि चंद्रमा के अंदर बर्फ के पहाड़ हैं। अब जाकर बड़ा खुलासा हुआ है। वैज्ञानिकों के पूरे समाज ने मान लिया है कि चंद्रमा के अंदर क्या है। चलिए आपको भी अवगत कराते हैं:-
1. सबसे बड़ा खुलासा: चाँद का केंद्र ठोस लोहे की गेंद है
वैज्ञानिकों के बीच दशकों से यह बहस चल रही थी कि चाँद का भीतरी केंद्र ठोस है या पिघला हुआ। अब, मई 2023 में प्रकाशित एक अध्ययन ने इस बहस को समाप्त कर दिया है। इस शोध ने पुष्टि की है कि चाँद का आंतरिक कोर वास्तव में एक ठोस गेंद है, जिसका घनत्व लगभग 7,822 किलोग्राम प्रति घन मीटर है, जो लोहे के घनत्व के बहुत करीब है।
यह एक बड़ी सफलता है क्योंकि अपोलो मिशन से मिला पिछला भूकंपीय डेटा बहुत कम-रिज़ॉल्यूशन वाला था, जिससे किसी निश्चित निष्कर्ष पर पहुँचना मुश्किल था। इस पहेली को सुलझाने के लिए, वैज्ञानिकों ने एक नया तरीका अपनाया। उन्होंने विभिन्न अंतरिक्ष मिशनों और चंद्र लेजर रेंजिंग प्रयोगों (जिसमें पृथ्वी से चाँद पर लेजर भेजकर दूरी मापी जाती है) से मिले डेटा को मिलाकर एक कहीं ज़्यादा विस्तृत मॉडल बनाया। इस उन्नत मॉडल ने एक स्पष्ट और निश्चित उत्तर प्रदान किया है, जो यह भी पुष्टि करता है कि पहले के कुछ निष्कर्ष सही रास्ते पर थे।
2. चंद्रमा के अंदर पृथ्वी जैसा दिल
यह शोध बताता है कि चाँद के कोर की संरचना आश्चर्यजनक रूप से पृथ्वी के समान है। पृथ्वी की तरह, चाँद के केंद्र में भी एक ठोस आंतरिक कोर है जो एक तरल बाहरी कोर से घिरा हुआ है।
शोध के अनुसार विशिष्ट आँकड़े इस प्रकार हैं:
- बाहरी कोर का दायरा (Radius): लगभग 362 किलोमीटर।
- आंतरिक कोर का दायरा (Radius): लगभग 258 किलोमीटर।
यह चाँद के कुल दायरे का लगभग 15 प्रतिशत हिस्सा है। यह खोज इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक दशक से भी ज़्यादा पहले किए गए शोध की पुष्टि करती है। 2011 में, नासा की वैज्ञानिक रेनी वेबर की टीम ने भी अपोलो डेटा का उपयोग करके एक ठोस आंतरिक कोर के होने के सबूत पाए थे। अब, इस नए अध्ययन ने उस खोज पर अंतिम मुहर लगा दी है, जिससे दशकों पुरानी वैज्ञानिक बहस का अंत हो गया है।
3. चाँद के अंदर आज भी उथल-पुथल जारी है
इस अध्ययन ने एक लंबे समय से प्रस्तावित प्रक्रिया के लिए भी मज़बूत सबूत दिए हैं, जिसे "मेंटल ओवरटर्न" (mantle overturn) कहा जाता है। इसे सरल भाषा में समझें तो, चाँद के अंदर भारी और सघन पदार्थ केंद्र की ओर डूब रहा है, जबकि हल्का पदार्थ ऊपर की ओर उठ रहा है।
यह खोज इस बात को समझाने में मदद करती है कि चाँद के ज्वालामुखी क्षेत्रों में कुछ खास तत्व क्यों पाए जाते हैं। यह इस बात का सबूत है कि चाँद की सतह पर दिखने वाली विशेषताएं उसकी गहरी आंतरिक गतिविधियों से जुड़ी हुई हैं।
4. यह खोज सिर्फ चाँद के बारे में नहीं...
इन निष्कर्षों का महत्व सिर्फ चाँद तक ही सीमित नहीं है। चाँद के कोर को समझकर, वैज्ञानिक उसके प्राचीन चुंबकीय क्षेत्र के विकास के बारे में जान सकते हैं। यह हमें पूरे सौर मंडल के शुरुआती इतिहास को समझने में मदद करता है।
जैसा कि शोध टीम ने बताया:
"हमारे परिणाम... भीतरी कोर के अस्तित्व के प्रदर्शन की बदौलत चंद्र चुंबकीय क्षेत्र के विकास पर सवाल उठाते हैं और एक वैश्विक मेंटल उथल-पुथल परिदृश्य का समर्थन करते हैं जो सौर मंडल के पहले अरब वर्षों में चंद्र बमबारी की समय-सीमा पर पर्याप्त अंतर्दृष्टि लाता है।" 🔬आर्थर ब्रियॉड और उनकी टीम
संक्षेप में, यह खोज सौर मंडल के शुरुआती दिनों में हुई घटनाओं की समय-रेखा को एक साथ जोड़ने में मदद करती है।
Conclusion: चाँद सिर्फ एक शांत और स्थिर चट्टान नहीं है
यह नया शोध हमें याद दिलाता है कि चाँद सिर्फ एक शांत और स्थिर चट्टान नहीं है, बल्कि एक जटिल खगोलीय पिंड है जिसका एक गतिशील, पृथ्वी जैसा आंतरिक भाग है। एक दशक से चली आ रही वैज्ञानिक खोज अब अपने निष्कर्ष पर पहुँच चुकी है, और हमें अपने सबसे करीबी पड़ोसी के बारे में एक नई और गहरी समझ मिली है।
यह हमें एक गहरे सवाल पर सोचने के लिए मजबूर करता है: अगर चाँद का दिल पृथ्वी से इतना मिलता-जुलता है, तो यह हमारे अपने ग्रह के अतीत के बारे में और कौन से रहस्य छिपाए हो सकता है?
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