भोपाल, 26 नवंबर 2025: भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से लेटेस्ट अपडेट मिला है हिमालय के बर्फीले पहाड़ों की चोटियों से बर्फीली ठंडी हवा मध्य प्रदेश की तरफ आ रही है। बर्फीली हवा का यह दौर 7 दिन तक चलेगा। इस दौरान तापमान में तेजी से गिरावट होगी और हाड़ कंपा देने वाली ठंड पड़ेगी।
मध्य प्रदेश मौसम का पूर्वानुमान: किसानों और स्कूल स्टूडेंट्स के लिए
मध्य प्रदेश के मौसम में पहले से ही काफी सर्दी है। ग्रामीण इलाकों में तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका है और अगले कुछ दिनों में यह 3-5 डिग्री सेल्सियस और नीचे आ सकता है। शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान 7.5-8 से 11 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जबकि कई जगहों पर यह 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाएगा। यदि ग्रामीण क्षेत्र में टेंपरेचर 3 डिग्री तक चला गया तो फसलों को काफी नुकसान हो जाएगा। इसी प्रकार जिन शहरों में टेंपरेचर 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाएगा, बर्फीली हवा के कारण वहां पर स्कूलों की छुट्टी करने की स्थिति बन जाएगी।
Jabalpur and shahdol weather forecast
मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश के मौसम पर वर्तमान में दो सक्रिय मौसम प्रणालियां प्रभाव डाल रही हैं। बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव क्षेत्र और अरब सागर से आने वाली नमी के कारण आसमान में बादल बने हुए हैं, जिससे रात्रिकालीन तापमान में मामूली वृद्धि हो रही है। हालांकि, दिन के तापमान में गिरावट जारी है। अगले 2-3 दिनों तक यही स्थिति बनी रहने की संभावना है। जबलपुर और शहडोल संभाग के जिलों में न्यूनतम तापमान कम रह सकता है, जबकि शेष क्षेत्रों में यह थोड़ा बढ़ा हुआ ही रहेगा।
Madhya Pradesh weather report: नौगांव, रीवा, मुरैना, खजुराहो, चित्रकूट और दतिया में कोल्ड डे
मंगलवार (26 नवंबर) को दर्ज आंकड़ों के अनुसार, नौगांव में न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सबसे कम था। खंडवा में अधिकतम 31.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। भोपाल में न्यूनतम 15.4 डिग्री, इंदौर में 16.8 डिग्री, ग्वालियर में 10 डिग्री, उज्जैन में 16.7 डिग्री और जबलपुर में 15 डिग्री सेल्सियस रहा। ग्वालियर, नर्मदापुरम और रीवा में सुबह की दृश्यता 500 मीटर तक सीमित रही। नौगांव, रीवा, मुरैना, खजुराहो, चित्रकूट और दतिया में कोल्ड डे की स्थिति बनी।
मध्य प्रदेश में 1 दिसंबर से शीतलहर का दौर शुरू होगा
अगले 48 घंटों में मौसम में बदलाव दिखेगा। 28-29 नवंबर से तापमान में और गिरावट शुरू हो जाएगी। अधिकतम तापमान सामान्य से 2-4 डिग्री नीचे ज सकता है, जबकि न्यूनतम में 3-5 डिग्री की कमी आएगी। आसमान मुख्यतः बादलयुक्त या आंशिक रूप से धूप वाला रहेगा। दिसंबर के पहले सप्ताह में शीतलहर का दौर तेज होगा, जिसमें पश्चिमी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में कोल्ड वेव की चेतावनी जारी हो सकती है।
मुख्य शहरों के लिए संक्षिप्त पूर्वानुमान (26 नवंबर से 2 दिसंबर तक):
- भोपाल: न्यूनतम 12-15 डिग्री, अधिकतम 24-27 डिग्री। बादल छाए रहेंगे, ठंड बढ़ेगी।
- इंदौर: न्यूनतम 13-16 डिग्री, अधिकतम 25-28 डिग्री। हल्की ठंडी हवाएं।
- ग्वालियर: न्यूनतम 8-11 डिग्री, अधिकतम 22-25 डिग्री। कोल्ड डे संभावित।
- जबलपुर: न्यूनतम 11-14 डिग्री, अधिकतम 24-26 डिग्री। रात्रि में ठंडक।
- उज्जैन: न्यूनतम 12-15 डिग्री, अधिकतम 25-27 डिग्री। सामान्य बादल।
कुल मिलाकर, नवंबर के अंत तक तापमान धीरे-धीरे गिरेगा और ठंड का असर पूरे प्रदेश में फैलेगा। यात्रा या बाहर रहने वालों को गर्म वस्त्रों की सलाह दी जाती है।
1. किसानों को खतरा और बचाव
- रबी फसलों (गेहूँ, चना, मसूर, सरसों, आलू, प्याज, लहसुन) में ठंड से फसल सूखना, पाले (frost) लगना, फूल-पत्तियाँ झुलसना या मुरझाना।
- खासकर उत्तरी और पश्चिमी मध्य प्रदेश (ग्वालियर-चंबल, मालवा, नर्मदापुरम) में 3-5 डिग्री तक तापमान गिरने से पाला पड़ने की बहुत अधिक संभावना।
- सब्जियों (टमाटर, बैंगन, भिंडी, फूलगोभी) को भारी नुकसान।
बचाव के उपाय:
- रात में खेतों में हल्की सिंचाई करें (पानी की परत ठंड से बचाती है)।
- खेतों में धुआँ करें (रात 2 बजे से सुबह तक) – पुराने टायर, गोबर, पुआल जलाकर धुआँ करें।
- फसलों पर पॉलीथिन या सरकंडे की छत (low tunnel) लगाएँ।
- पाले की रातों में फसल पर 0.1% सल्फ्यूरिक एसिड या थायोयूरिया का छिड़काव करें।
- सब्जियों को शाम को ही तोड़ लें, रात में न छोड़ें।
- मौसम विभाग की चेतावनी पर नजर रखें और कृषि विश्वविद्यालय के हेल्पलाइन (1800-180-1551) पर संपर्क करें।
2. वृद्ध व्यक्तियों (60 वर्ष से अधिक) को खतरा और बचाव
- हाइपोथर्मिया (शरीर का तापमान 35 डिग्री से नीचे जाना), हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, निमोनिया, जोड़ों में अकड़न और दर्द।
बचाव:
- घर से बाहर बिल्कुल न निकलें, खासकर सुबह 4 बजे से 9 बजे तक और रात 10 बजे के बाद।
- ऊनी कपड़े कई परतों में पहनें (थर्मल, स्वेटर, जैकेट, मफलर, टोपी, मोजे, दस्ताने)।
- गरम पानी, अदरक-तुलसी वाली चाय, सूप बार-बार पिएँ।
- कमरे में हीटर/अंगीठी जलाएँ, लेकिन कार्बन मोनोऑक्साइड से बचने के लिए हवा का आना-जाना रखें।
- ब्लड प्रेशर और शुगर की दवा नियमित लें, डॉक्टर से संपर्क बनाए रखें।
3. गर्भवती महिलाओं को खतरा और बचाव
- ठंड से गर्भाशय में संकुचन (contractions), समय से पहले प्रसव का खतरा, बच्चे का वजन कम होना, मिसकैरेज का जोखिम (खासकर पहली तिमाही में)।
- सर्दी-जुकाम तेजी से निमोनिया में बदल सकता है।
बचाव:
- घर से बाहर न निकलें, खासकर रात और सुबह के समय।
- पेट और कमर को अच्छी तरह ढक कर रखें, ऊनी लेगिंग और पेट के ऊपर शॉल बाँधें।
- गुनगुना पानी ज्यादा पिएँ, विटामिन-C युक्त फल (संता, मौसमी, आँवला) लें।
- आयरन-कैल्शियम की गोली नियमित लें, डॉक्टर/आशा कार्यकर्ता से रोज संपर्क रखें।
- अगर ठंड लगने या पेट में दर्द महसूस हो तो तुरंत नजदीकी CHC/PHC जाएँ।
4. 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों को खतरा और बचाव
- हाइपोथर्मिया, निमोनिया, ब्रॉन्कियोलाइटिस, साँस की तकलीफ, कान का संक्रमण। 0-2 साल के बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा।
बचाव:
- बच्चों को कई परतों में कपड़े पहनाएँ (थर्मल, ऊनी स्वेटर, टोपी, मोजे, दस्ताने)।
- रात में सोते समय भी टोपी जरूर पहनाएँ।
- बच्चों को बाहर बिल्कुल न ले जाएँ, खासकर सुबह और रात में।
- स्तनपान जरूर कराएँ, ऊपरी दूध गुनगुना करके दें।
- अगर बच्चा सुस्त लगे, साँस तेज चले या बुखार हो तो तुरंत 108 एम्बुलेंस बुलाएँ।
5. 6 से 12 वर्ष की आयु के बच्चों को खतरा और बचाव
- सर्दी-खांसी तेजी से अस्थमा अटैक या निमोनिया में बदल सकती है, स्किन एलर्जी, जोड़ों में दर्द।
बचाव:
- स्कूल जाते समय मास्क, मफलर, स्वेटर, जैकेट, टोपी जरूर पहनाएँ।
- सुबह 8 बजे से पहले और शाम 5 बजे के बाद बाहर न खेलने दें।
- गुनगुना पानी, शहद-अदरक, तुलसी की चाय पिलाएँ।
- भीगने या ठंडी हवा में ज्यादा देर रहने न दें।
- अगर अस्थमा का इतिहास है तो इनहेलर साथ रखें।
अन्य महत्वपूर्ण सावधानियाँ (सभी के लिए)
- रात में अंगीठी जलाने वाले घरों में हवा का पास जरूर रखें, ताकि कमरे का ऑक्सीजन लेवल कम ना हो जाए। हर साल सैकड़ों लोग CO poisoning से मरते हैं।
- बिजली कटौती की स्थिति में इन्वर्टर/जेनसेट का धुआँ बाहर निकालें।
- पशुओं को भी ठंड से बचाएँ – गोबर में पुआल मिलाकर बिछाएँ, रात में ढकें।
- रात में यात्रा करने से बचें, कोहरा बढ़ने पर दुर्घटना का खतरा होता है।
- मध्य प्रदेश मौसम की जानकारी के लिए BhopalSamachar.com नियमित रूप से पढ़ते रहें।
यह ठंड इस बार सामान्य से ज्यादा कष्टदायक हो सकती है, इसलिए कोई भी लापरवाही न बरतें।
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