बालाघाट जिला मध्यप्रदेश का सर्वाधिक धान उत्पादक जिला है और कम समय में पकने वाली धान की कटाई किसानों द्वारा शुरू कर दी गई है। पिछले दिनों हुई बारिश के कारण धान के खेतों में नमी बनी हुई है। ऐसी स्थिति में धान की कटाई के बाद उसे सुरक्षित रखने के लिए किसानों को सलाह दी जा रही है कि धान के कड़पों को खेत में सुलाकर न रखें बल्कि गट्ठे बनाकर उन्हें खड़ा करके रखें।
उप संचालक कृषि श्री फूलसिंह मालवीय ने बताया कि पिछले दिनों हुई अतिवृष्टि एवं कीट व्याधि के कारण धान फसल को हुए नुकसान का सर्वे कार्य किया जा रहा है। सर्वे के दौरान कृषि विभाग के अमले द्वारा किसानों को सलाह दी जा रही है कि धान की कटाई के बाद उसे सुरक्षित रखने के लिए कड़पों को खेत में नीचे जमीन पर सुलाकर न रखें बल्कि उसे गट्ठे बनाकर खेत में खड़े स्थिति में रखें। इससे खेत की नमी से कटी हुई धान की बालियां सुरक्षित रहेंगी। यदि ऐसी स्थिति में वर्षा भी हो जायेगी तो धान को नुकसान नहीं होगा।
धान की फसल को कटाई के बाद कड़पों को जमीन पर सुलाकर रखने से जमीन की नमी से धान की बालियां काली पड़ने या अंकुरित होने की संभावना बनी रहेगी। कृषि विभाग के अमले ने ग्राम आंवलाझरी में किसान के खेत में धान के कड़पों को खड़ा रखने की प्रक्रिया भी करके दिखाई।
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