भारत के करोड़ों GenZ इन्वेस्टर्स का एकमात्र लीडर Groww App के आईपीओ की हालत खराब है। BILLIONBRAINS GARAGE VENTURES LIMITED कंपनी ने सिर्फ 4.42 लाख इन्वेस्टर्स को आईपीओ सब्सक्राइब करने का मौका दिया है। उनको भी सिर्फ ₹15000 इन्वेस्ट करनी है। Groww App की यूजर्स इसके लिए भी तैयार नहीं है। दो दिन खत्म हो गए और तीसरे दिन का फर्स्ट हाफ खत्म होने वाला है। आईपीओ अब तक FULL नहीं हुआ है। GMP भी डाउन हो गया। आइए समझने की कोशिश करते हैं कि गड़बड़ क्या है, आईपीओ के सब्सक्राइबर कहां रुके हुए हैं।
हालत इतनी खराब के बड़े-बड़े अखबारों में विज्ञापन देने पड़े
जिस जमाने में आईपीओ 16X तक सब्सक्राइब होते हैं, उस जमाने में Groww IPO ओपन होने के 2 दिन बाद भी जब 57% पर बना रहा तो शायद मैनेजमेंट के होश उड़ गए। आनन-फानन में उन्होंने आज तीसरे दिन 6 नवंबर को भारत के सभी बड़े अखबारों में करोड़ों रुपए मूल्य खर्च करके 2-2 पेज के विज्ञापन दिए हैं। ताकि इन्वेस्टर्स को आकर्षित किया जाए। इसका थोड़ा बहुत असर भी दिखाई दिया है। समाचार लिखते समय सब्सक्राइबर्स की संख्या 57% से 74% हो गई है लेकिन अभी भी 100% नहीं हुई है। एक ऐसी कंपनी जो लोगों को शेयर बाजार में इन्वेस्ट करने का सबसे अच्छा माध्यम उपलब्ध कराने का दावा करती है और खुद को नंबर वन बताती है, शेयर बाजार में उसकी ऐसी हालत, निश्चित रूप से समीक्षा का विषय है।
Groww IPO का GenY-GenZ इन्वेस्टर कहां रुका हुआ है
Groww IPO के बारे में ज्यादातर ब्रोकरेज 'सब्सक्राइब' रेकमेंड कर रहे हैं। सब कह रहे हैं कि लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए अच्छा है लेकिन फिर भी कोई सब्सक्राइब नहीं कर रहा है। टीवी चैनल डिबेट और समीक्षाएं, बिजनेस न्यूजपेपर्स और वेबसाइट्स एवं सोशल मीडिया का अध्ययन करने के बाद निम्न निष्कर्ष सामने आते हैं:-
उच्च वैल्यूएशन: IPO वैल्यूएशन FY25 रेवेन्यू पर 16x और P/E पर 31x है, जो पीयर्स (जैसे Angel One 19x P/E, Motilal Oswal 24x P/E) से महंगा लग रहा है। कई इनवेस्टर्स को लगता है कि ग्रोथ के लिए प्रीमियम ज्यादा है।
OFS (ऑफर फॉर सेल) का भारी हिस्सा: कुल ₹6,632 करोड़ के IPO में फ्रेश इश्यू सिर्फ ₹1,060 करोड़ है, बाकी ₹5,572 करोड़ OFS (पुराने शेयर होल्डर्स का एग्जिट)। इससे कंपनी को कम कैपिटल मिलेगा, जो ग्रोथ के लिए चिंता का विषय है।
QIBs की कम रुचि: इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स अभी ट्रेलिंग हैं, शायद वैल्यूएशन और मार्केट सेंटिमेंट की वजह से। रिटेल मजबूत है, लेकिन ओवरऑल सब्सक्रिप्शन धीमा।
ब्रोकरेज बिजनेस पर निर्भरता और रिस्क: ग्रोथ का 79.5% ब्रोकिंग से आता है (पिछले साल 87.4% था), जो साइक्लिकल है। कॉम्पिटिशन (Zerodha, Upstox), रेगुलेटरी रिस्क (MTF, मार्जिन्स) और डाइवर्सिफिकेशन की शुरुआत अभी भी चिंता पैदा कर रही है।
मार्केट कंडीशंस: IPO मार्केट हॉट है (Lenskart, Orkla जैसी IPOs रनिंग), लेकिन इनवेस्टर्स SIP फंड्स को IPOs में डायवर्ट कर रहे हैं, जिससे सेकेंडरी मार्केट प्रभावित हो रहा। कुछ X डिस्कशंस में भी वैल्यूएशन और लिस्टिंग गेन की अनिश्चितता पर बात हो रही है।
Groww IPO GMP टेपिड है, लोग एक दूसरे को वेट एंड वॉच के लिए बोल रहे हैं। शायद कंपनी की लिस्टिंग हो जाने के बाद खरीदारी देखने को मिलेगी। यहां क्लिक करके BILLIONBRAINS GARAGE VENTURES LIMITED से संबंधित विवाद, प्रमोटर्स और कंपनी मैनेजमेंट में शामिल लोगों के बारे में पढ़ सकते हैं, क्योंकि यही लोग कंपनी है।
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