भोपाल, 6 नवंबर 2025: मध्य प्रदेश के 25 से ज्यादा सरकारी विभागों में काम करने वाले लगभग ढाई लाख संविदा कर्मचारियों के लिए सरकार की एक पॉलिसी के खिलाफ मध्य प्रदेश संविदा संयुक्त संघर्ष मंच नाम के कर्मचारी संगठन ने भोपाल में बड़े प्रदर्शन की तैयारी शुरू कर दी है। अब देखना यह है कि क्या इस संगठन को ढाई लाख संविदा कर्मचारियों का समर्थन भी मिलता है।
नियमितीकरण का प्रावधान खत्म, चयन परीक्षा में आरक्षण
सरकार ने पॉलिसी बनाई है कि नियमित लिए सेवाओं में शामिल होने के लिए संविदा कर्मचारियों को फिर से परीक्षा देनी होगी। इनमें से कई कर्मचारी पिछले 15 सालों से संविदा पर काम कर रहे हैं और पहले भी चयन परीक्षा पास कर चुके हैं। इधर सरकार ने नई भर्तियों में नियमितीकरण का प्रावधान खत्म कर दिया है, लेकिन सभी विभागों में चयन परीक्षा के दौरान संविदाकर्मियों के लिए 20% आरक्षण रखा गया है। इस आरक्षित कोटे में उन्हें स्थायी (रेगुलर) तभी किया जाएगा जब वे कर्मचारी चयन मंडल भोपाल द्वारा आयोजित चयन परीक्षा में न्यूनतम 50% अंक लाएंगे।
50 साल की उम्र में पढ़ाई कैसे करें: संविदा कर्मचारियों की परेशानी
संविदाकर्मियों (जिनमें से कुछ की उम्र 50 साल है) का कहना है कि वर्षों से पढ़ाई से दूर होने के कारण उनके लिए 50% अंक लाना मुश्किल होगा। उन्हें डर है कि अगर वे न्यूनतम अंक नहीं ला पाए, तो फ्रेशर उम्मीदवार 20% आरक्षण के बावजूद उनके पद ले जाएंगे।
2. 6000 संविदा कर्मचारियों को वेतन नहीं
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग सहित विभिन्न विभागों में कार्यरत लगभग 6000 संविदा कर्मचारियों को पिछले चार महीने से वेतन नहीं मिला है। इनमें मनरेगा, वाटरशेड मिशन, एनआरएलएम, सोशल ऑडिट और स्वच्छ भारत मिशन के कर्मचारी शामिल हैं। 'सरस' सॉफ्टवेयर में तकनीकी कारणों से वेतन आहरण (सैलरी रिलीज) अटक गया है।
3. मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क प्राधिकरण में नियमितीकरण
मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क प्राधिकरण के करीब 1500 इंजीनियरों को नियमित वेतन मिलना शुरू हो गया है।इनका भुगतान राज्य के रिवॉल्विंग फंड (स्टेट हेड) से हो रहा है, जिससे ये केंद्र सरकार की निधि पर निर्भर नहीं हैं।
4. प्रदर्शन की घोषणा
मध्य प्रदेश संविदा संयुक्त मोर्चा ने संविदा कर्मचारियों और अधिकारियों की 24 मांगों को लेकर 15 नवंबर को प्रदेश स्तरीय धरना-प्रदर्शन की घोषणा की है।
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