भोपाल, 26 नवंबर 2025: मध्य प्रदेश में बढ़ते वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए शासन ने सख्त तेवर अख्तियार कर लिए हैं। मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने बुधवार को नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) की राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की अहम बैठक में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर और देवास, इन सात प्रमुख शहरों के लिए शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म एक्शन प्लान 30 नवंबर तक जमा करने के सख्त निर्देश दिए। बैठक में वन-पर्यावरण, पीडब्ल्यूडी, नगरीय विकास, गृह, उद्योग, कृषि और परिवहन विभाग के आला अफसर मौजूद रहे, जबकि सातों शहरों के कलेक्टर, एसपी और नगर निगम आयुक्त वीसी के जरिए जुड़े।
दिल्ली के प्रदूषण कंट्रोल कार्यक्रम को कॉपी करो
मुख्य सचिव ने साफ कहा कि दिल्ली जैसे मेट्रो शहरों में प्रदूषण कंट्रोल के लिए जो प्रभावी उपाय अपनाए जा रहे हैं, उसी तर्ज पर यहां भी एक्सपर्ट ग्रुप बनाकर ठोस कार्ययोजना तैयार की जाए। पराली जलाने की घटनाओं पर भविष्य में पूरी तरह रोक, वाहनों से निकलने वाला धुआं, कचरा जलाना, निर्माण कार्यों से उड़ने वाली धूल और सड़कों की खस्ता हालत – इन सभी पहलुओं के लिए अलग-अलग एक्शन प्लान बनाने को कहा गया है।
मध्य प्रदेश के सभी शहरों का औसत AQI को 100 से नीचे रहना चाहिए
श्री जैन ने जोर देकर कहा कि जिन शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स अभी खराब चल रहा है, वहां औसत AQI को 100 से नीचे लाना सबसे पहली प्राथमिकता है। कचरा जलाने पर सौ फीसदी रोक, कंस्ट्रक्शन साइट्स पर धूल न उड़े इसके लिए नेट और नियमित वॉटर स्प्रिंकलिंग, खराब सड़कों की तुरंत मरम्मत, अलाव-तंदूर को इलेक्ट्रिक मोड में बदलना और PUC के बिना वाहन न चलें इसके लिए विशेष चेकिंग अभियान चलाने के निर्देश दिए गए।
साथ ही खराब क्वालिटी की सड़क बनाने वाली एजेंसियों और जिम्मेदार अफसरों पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई।
जन जागरूकता के मोर्चे पर सभी विभागों और नगरीय निकायों को बड़ा अभियान चलाने को कहा गया है, जिसमें इंडस्ट्री एसोसिएशन, ट्रांसपोर्ट यूनियन और आम नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग को निर्देश दिए गए कि वे इंडस्ट्रियल संगठनों से बात कर CSR फंड से नगर निगमों को एयर पॉल्यूशन कंट्रोल उपकरण और मशीनरी उपलब्ध कराने में सहयोग करें। रिपोर्ट: राजेश बैन, एडिटिंग उपदेश अवस्थी।
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