भोपाल, 26 नवम्बर 2025: शुद्ध मतदाता सूचियां लोकतंत्र की आधारशिला हैं। मतदाता सूची मशीनरी, जिसमें निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ), सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एईआरओ), बीएलओ पर्यवेक्षक और बूथ लेवल अधिकारी शामिल हैं और निष्पक्ष एवं पारदर्शी मतदाता सूचियां तैयार करने में निर्णायक भूमिका निभाती हैं।
आयोग ने बीएलओ के वार्षिक पारिश्रमिक को दोगुना करने और मतदाता सूचियों की तैयारी एवं पुनरीक्षण में शामिल बीएलओ पर्यवेक्षकों के पारिश्रमिक में भी वृद्धि करने का निर्णय लिया है। पिछला ऐसा संशोधन वर्ष 2015 में किया गया था। साथ ही, पहली बार ईआरओ और एईआरओ के लिए मानदेय प्रदान किया गया है।
बूथ लेवल अधिकारी का मानदेय 6 हजार रुपये से संशोधित कर 12 हजार रुपये, मतदाता सूची के पुनरीक्षण के लिए बीएलओ की प्रोत्साहन राशि 1000 रुपये से बढ़ाकर 2 हजार रुपये, बीएलओ पर्यवेक्षक का मानदेय 12 हजार रुपये से बढ़ाकर 18 हजार रुपये, एईआरओ का मानदेय शून्य से 25 हजार रुपये एवं ईआरओ का मानदेय शून्य से बढ़ाकर 30 हजार रुपये किया गया है। इसके अलावा, आयोग ने बिहार से प्रारंभ होने वाले विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए बीएलओ हेतु 6 हजार रुपये के विशेष प्रोत्साहन को भी मंजूरी दी थी।
यह निर्णय निर्वाचन आयोग की उन चुनाव कर्मियों को पर्याप्त मुआवजा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो सटीक मतदाता सूची बनाए रखने, मतदाताओं की सहायता करने और चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए क्षेत्र स्तर पर अथक परिश्रम करते हैं।
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विजय/अवंतिका जायसवाल
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