भोपाल, 11 नवंबर 2025: छतरपुर के बागेश्वर धाम वाले श्री धीरेंद्र कृष्ण गर्ग (शास्त्री) के नाम पर एक महिला के साथ ठगी, ब्लैकमेलिंग और बलात्कार का मामला सामने आया है। एक महिला की शिकायत पर दो थानों में मामला दर्ज हुआ है। जिस व्यक्ति को आरोपी बनाया गया है वह स्वयं को बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री का सक्रिय शिष्य बताता था।
धीरेंद्र शास्त्री से मिलवाने का झूठा वादा करके जाल में फंसाया
27 वर्षीय यह महिला, जो छतरपुर की रहने वाली हैं, ने आरोप लगाया है कि बागेश्वर धाम शिष्य कॉलोनी के निवासी महेंद्र दुबे ने खुद को धाम के सक्रिय शिष्य के रूप में पेश किया। धीरेंद्र शास्त्री से मिलवाने का झूठा वादा कर उसने महिला को अपने जाल में फंसाया। इस बहाने से आरोपी ने ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीकों से करीब ढाई लाख रुपये वसूल लिए।
वीडियो वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल किया
पीड़िता के मुताबिक, महेंद्र ने शादी का लालच देकर विश्वास जीता और कई बार शारीरिक संबंध बनाए। इस दौरान चुपके से आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्ड कर लिए, जिन्हें वायरल करने की धमकी देकर वह लगातार पैसे मांगता रहा। यह ब्लैकमेलिंग का सिलसिला महीनों चला, जिससे महिला मानसिक रूप से टूट चुकी थीं।
शनिवार को महिला के साथ मारपीट हुई
शनिवार की देर रात घटना ने बात को और भयावह बना दिया। महेंद्र ने वीडियो डिलीट करने के बहाने महिला को बड़े बगराजन इलाके में बुलाया। वहां पहुंचते ही आरोपी ने गाली-गलौज की, उसे जमीन पर पटक दिया और जमकर पिटाई की। इस हमले में महिला का मोबाइल फोन, गले की चेन और कान की बाली भी छीन ली गई।
मारपीट का मामला दर्ज करने के बाद दूसरा मामला दर्ज करवाया
घटना के बाद महिला ने सबसे पहले सिटी कोतवाली थाने में मारपीट और धमकी की शिकायत दर्ज कराई। सोमवार को सिविल लाइन थाने पहुंचकर उन्होंने दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग का पूरा मामला खोला। सिविल लाइन थाना प्रभारी सतीश सिंह ने बताया, "पीड़िता की रिपोर्ट पर आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म, मारपीट, धमकी और अन्य संबंधित धाराओं में केस दर्ज हो गया है। हमारी टीमें आरोपी की तलाश में सक्रिय हैं, और जल्द ही उसे गिरफ्तार करेगी।"
इस मामले में पुलिस को इन्वेस्टिगेशन के दौरान यह स्पष्ट करना भी जरूरी है कि क्या सचमुच आरोपी व्यक्ति ने महिला को धीरेंद्र शास्त्री से मिलवाने का झूठा वादा किया था या फिर अपनी शिकायत को सनसनीखेज बनाने के लिए और आरोपी व्यक्ति को तत्काल गिरफ्तार करवाने के लिए धीरेंद्र शास्त्री के नाम का उपयोग किया गया है। क्योंकि मध्य प्रदेश में इस प्रकार के कई मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। पुलिस मामला दर्ज कर लेती है लेकिन कोर्ट में कहानी झूठी साबित होती है।
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