एक तरफ भारत में दीपावली का त्यौहार शुरू हो चुका है और दूसरी तरफ आसमान में एक नया चक्रवात बना रहा है। इस चक्रवात में आने वाले बादल बड़ी तेजी से किसी एक दिशा की तरफ भाग जाएंगे और फिर वहां पर बारिश होगी। भारत मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने पूर्वानुमान जारी कर दिया है। पर यह बादलों के कहां पहुंचने की संभावना है और किस राज्य के लोगों को तैयारी कर लेना चाहिए।
अरब सागर के ऊपर सक्रिय प्रणाली:
तस्वीर में दक्षिण-पूर्वी अरब सागर और श्रीलंका के दक्षिण-पश्चिम में एक बड़ा चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित होता हुआ दिखाई दे रहा है। लाल और पीली रेखाएँ इस क्षेत्र में तेज़ हवाओं का संकेत दे रही हैं। यह प्रणाली जल्द ही एक निम्न-दाब क्षेत्र में परिवर्तित हो सकती है।
हवा की दिशा में परिवर्तन:
इस प्रणाली के कारण, दक्षिण भारत, महाराष्ट्र और कोंकण तट पर हवा का रुख दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर बदल रहा है। परिणामस्वरूप, तटीय तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में तेज़ हवाएँ और वर्षा होने की संभावना है।
पूर्वी हवाएँ उत्तर-पूर्वी मानसून को मज़बूत कर रही हैं:
बंगाल की खाड़ी और दक्षिणी प्रायद्वीप पर सक्रिय पूर्वी हवाएँ उत्तर-पूर्वी मानसून को और मज़बूत कर रही हैं, जिससे चेन्नई, पुडुचेरी, नागपट्टिनम और आंध्र तट पर वर्षा बढ़ रही है।
संभावित मौसम प्रभाव:
• आने वाले दिनों में अरब सागर के ऊपर एक अवदाब या चक्रवात बन सकता है।
• दक्षिण भारत में मानसून की बारिश तेज़ होगी।
• महाराष्ट्र और गोवा के तटों पर समुद्र में उथल-पुथल की आशंका है।
• मछुआरों को अरब सागर के गहरे समुद्री क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी जाती है।
संक्षेप में, अरब सागर के ऊपर विकसित हो रही मौसम प्रणाली दक्षिण भारत के मौसम को प्रभावित कर रही है, जिससे उत्तर-पूर्वी मानसून सक्रिय हो रहा है और पूरे प्रायद्वीप में हवा का रुख बदल रहा है।