शहडोल, मध्य प्रदेश: लोकायुक्त रीवा की टीम ने सोमवार को धनपुरी नगर पालिका में तैनात सहायक उप निरीक्षक (ASI) इंद्र बहादुर सिंह उर्फ आई.बी. सिंह को भवन निर्माण स्वीकृति के नाम पर 3 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में नगर पालिका का एक स्थायी कर्मचारी भी शामिल पाया गया है। जांच में यह सामने आया कि रिश्वत की कुल मांग 10 हजार रुपये थी, जो मोलभाव के बाद 5 हजार पर तय हुई थी।
What- क्या हुआ: शिकायतकर्ता योगेंद्र वर्मा, जो वार्ड नंबर 2 के निवासी हैं, ने भवन निर्माण की स्वीकृति के लिए आवेदन किया था। ASI सिंह ने इसके बदले में 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी, जो बाद में 5 हजार रुपये पर अटक गई। वर्मा ने पहले ही 2 हजार रुपये का भुगतान कर दिया था। सोमवार को दूसरी किश्त के रूप में 3 हजार रुपये सौंपते समय लोकायुक्त की 15 सदस्यीय टीम ने ट्रैप ऑपरेशन चलाया और आरोपी को मौके पर पकड़ लिया। टीम ने रिश्वत की राशि भी बरामद कर ली।
Where & When - कहां और कब: घटना धनपुरी नगर पालिका परिसर में घटी, जो शहडोल जिले के अंतर्गत आती है। कार्रवाई सोमवार को दोपहर के समय अंजाम दी गई, जिसके दौरान परिसर में हड़कंप मच गया। कई कर्मचारी दफ्तर से नदारद हो गए, जबकि टीम ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर रखी थी।
Who - कौन शामिल: मुख्य आरोपी ASI इंद्र बहादुर सिंह हैं, जो नगर पालिका में तैनात थे। जांच के दौरान स्थायी कर्मचारी रज्जन चौधरी का भी नाम सामने आया, जो इस रिश्वतखोरी में सहयोगी की भूमिका निभा रहे थे। शिकायतकर्ता योगेंद्र वर्मा ने लोकायुक्त को पहले ही सूचना दे दी थी, जिसके आधार पर यह ऑपरेशन सफल रहा।
Why & How - क्यों और कैसे: यह कार्रवाई भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत की गई, जहां भवन स्वीकृति जैसी आवश्यक सेवाओं में अनुचित लाभ के लिए रिश्वत की मांग आम समस्या बनी हुई है। लोकायुक्त टीम ने शिकायत पर गहन जांच की और ट्रैप के जरिए साक्ष्य एकत्रित किए। दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर पूछताछ शुरू हो गई है।