स्वयं को one of the leading real estate developers in Bhopal बताने वाले Raksha builders के खिलाफ भोपाल नगर निगम ने जुर्माना की कार्रवाई की है। यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि बिल्डर ने रेजिडेंशियल एरिया का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट अब तक चालू नहीं किया है और सीवेज का गंदा पानी खुले में बह रहा है।
Oracle by Raksha Builders में सीवेज खुले में बह रहा था
भोपाल नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के जोन क्रमांक-18 के अमले ने रहवासी परिसर 'ओरेकल' में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का संचालन न करने व सीवेज को खुले में बहाने वाले बिल्डर के विरुद्ध कार्रवाई की। रक्षा बिल्डर्स पर 10 हजार रुपए का जुर्माना किया गया। वहीं, निगम अमले ने तत्काल कॉलोनी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट चालू कराने और सीवेज को खुले में बहाना बंद करने की समझाइश दी। चेतावनी भी दी कि भविष्य में यदि इस प्रकार का कृत्य पाया जाता है तो और भी बड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सीवेज खुले में बहने से क्या होता है
सीवेज का खुले में बहना गंभीर स्वास्थ्य और पर्यावरणीय समस्याएँ पैदा करता है, क्योंकि इसमें मौजूद बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी बीमारियाँ जैसे डायरिया, टाइफाइड, हैजा और मलेरिया फैलाते हैं। इससे बदबू और जहरीली गैसें निकलती हैं, पानी और मिट्टी प्रदूषित होती हैं, मच्छर और कीट पनपते हैं, और स्थानीय निवासियों को रहने और आवागमन में असुविधा होती है। साथ ही, यह पारिस्थितिक तंत्र को भी नुकसान पहुँचाता है और पेड़-पौधों तथा जल स्रोतों की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। इस कारण सीवेज का उचित निस्तारण और ट्रीटमेंट अत्यंत आवश्यक है।
नगर निगम के मुताबिक, भोपाल में हर रोज औसतन 33 से ज्यादा सीवेज शिकायतें दर्ज होती हैं। इस साल अब तक (करीब 280 दिनों में) 9400 से ज्यादा शिकायतें निगम तक पहुंचीं।