प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में मध्य प्रदेश फेल हो गया है। टॉप 3 में तो दूर की बात टॉप फाइव में भी नाम नहीं है। एक और अजीब बात है। जहां भारत के सभी राज्य Utility Scale Solar एवं Rooftop Solar पर फोकस कर रहे हैं, मध्य प्रदेश अकेला राज्य है जो Off-grid Solar की जिद पर अड़ा हुआ है। यह सारा खुलासा JMK Research की लेटेस्ट रिपोर्ट में हुआ है।
52% लोगों ने सोलर एनर्जी को चुना
JMK Research रिपोर्ट में एनर्जी शिफ्टिंग वाले कुल लोगों में से 52% लोगों ने सोलर एनर्जी को चुना है। इसके बाद 21% लोग विंड एनर्जी, 20% large hydro, 5% बायो पावर और 2% लोगों ने small hydro को अपनी वैकल्पिक एनर्जी चुना है। इन आंकड़ों से यह तो पता चलता है कि लोग सोलर एनर्जी को ज्यादा पसंद कर रहे हैं परंतु टोटल बिजली उपभोक्ताओं में से कितने लोग पारंपरिक बिजली को छोड़कर ग्रीन एनर्जी का चुनाव कर रहे हैं, यह आंकड़ा ही योजना की सफलता को निर्धारित करता है।
PM सूर्य घर योजना में गुजरात नंबर वन
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के क्रियान्वयन के मामले में गुजरात नंबर वन पर है। राजस्थान दूसरे नंबर पर और महाराष्ट्र तीसरे नंबर पर। यदि इस अनुपात में आगे बढ़ा जाए तो चौथे नंबर पर कोई नहीं है। केवल तीन राज्य हैं जो योजना का ठीक प्रकार से क्रियान्वयन कर पा रहे हैं। मध्य प्रदेश की स्थिति बेहद खराब है। हालांकि अधिकारी कह सकते हैं कि मध्य प्रदेश का नाम टॉप टेन में है लेकिन इसको सफलता स्वीकार नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री मोदी ने जो लक्ष्य निर्धारित किया है, 9 महीने की अवधि में मध्य प्रदेश ने अपने लक्ष्य का 25% भी हासिल नहीं किया है।
Utility Scale Solar: राजस्थान नंबर वन
यूटिलिटी स्केल सोलर का मतलब बहुत बड़े सौर ऊर्जा संयंत्रों (Solar Power Plants) से है। ये आम तौर पर विशाल भूमि क्षेत्रों पर स्थापित किए जाते हैं और अक्सर इनकी क्षमता 1 मेगावाट (MW) से लेकर गीगावाट (GW) तक हो सकती है। इन्हें सोलर फार्म (Solar Farms) भी कहा जाता है। इनका मुख्य काम पावर ग्रिड में सीधे बड़ी मात्रा में बिजली डालना है। ये किसी एक घर या फैक्ट्री के लिए नहीं, बल्कि पूरे शहरों, कस्बों और उद्योगों को बिजली प्रदान करने के लिए बनाए जाते हैं। ये बड़े पैमाने पर स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन करके ग्रिड की विश्वसनीयता बढ़ाते हैं।
इस मामले में राजस्थान नंबर वन है, दूसरे नंबर पर गुजरात और तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र का नाम आता है।
Rooftop Solar: गुजरात और महाराष्ट्र में टक्कर
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना मूल रूप से रूफटॉप सोलर को प्रमोट करने के लिए संचालित की जा रही है।रूफटॉप सोलर से तात्पर्य उन सौर पैनलों से है जो आवासीय, वाणिज्यिक या औद्योगिक भवनों की छतों पर स्थापित किए जाते हैं। ये यूटिलिटी स्केल प्लांट की तुलना में बहुत छोटे होते हैं। इसका उपयोग मुख्य रूप से उसी भवन या परिसर की बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाता है जिस पर यह स्थापित होता है। यदि बिजली का उत्पादन खपत से अधिक होता है, तो अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में वापस भेजा जा सकता है (नेट मीटरिंग के माध्यम से)। यह बिजली के बिल को कम करने और कार्बन फुटप्रिंट घटाने में मदद करता है।
इस मामले में गुजरात और महाराष्ट्र दोनों के बीच टक्कर की स्थिति है। जबकि राजस्थान काफी पीछे है। पहले, दूसरे और तीसरे के बीच में यदि 10% का अंतर मानकर चलते हैं तो तीसरे नंबर पर कोई नहीं है।
Off-grid Solar: गुजरात नंबर वन
ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम वह है जो मुख्य बिजली ग्रिड से जुड़ा नहीं होता है। यह पूरी तरह से स्वतंत्र होता है। इसमें सौर पैनल, इन्वर्टर और बिजली को रात में या खराब मौसम में उपयोग के लिए स्टोर करने के लिए एक बैटरी बैंक शामिल होता है। यह उन दूरदराज के क्षेत्रों या स्थानों के लिए आदर्श है जहाँ बिजली का ग्रिड पहुँच नहीं पाता या जहाँ ग्रिड की बिजली अविश्वसनीय होती है। यह ग्रिड विफलताओं (power outages) के दौरान ऊर्जा स्वतंत्रता और विश्वसनीयता प्रदान करता है, जिससे उपयोगकर्ताओं को बिजली के लिए बाहरी स्रोतों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।
इस मामले में गुजरात नंबर वन है जबकि दूसरे नंबर पर कर्नाटक का नाम और तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश का नाम आता है। Off-grid Solar का सरल मतलब होता है कि जहां पर बिजली कंपनी फेल हो गई है और मजबूर लोग सोलर सिस्टम लगा रहे हैं। इसका निष्कर्ष यह हुआ कि, मध्य प्रदेश में बिजली कंपनी फेल हो गई है।
Wind Energy
विंड एनर्जी का अर्थ पवन ऊर्जा से है। यह हवा की गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) का उपयोग करके बिजली पैदा करने की प्रक्रिया है। इसके लिए पवन टर्बाइन (Wind Turbines) का उपयोग किया जाता है। जब हवा चलती है, तो यह टर्बाइन के ब्लेड को घुमाती है, जिससे एक जनरेटर बिजली पैदा करता है। पवन ऊर्जा का उपयोग भी बड़े पैमाने पर (जैसे पवन फार्म या Wind Farms में) बिजली ग्रिड में फीड करने के लिए किया जाता है।